RANCHI : क्राइम कंट्रोल के लिए तैनात की गई पीसीआर की टीम ही लुटेरी बन गई। रांची सिटी के सोलंकी चौक के पास पीसीआर सोलह की टीम हिंदपीढ़ी निवासी दिलशाद और बेलाल से क्क्.70 लाख रुपए लूट लिए। घटना शुक्रवार रात की है, शनिवार को इसका खुलासा हुआ। लूटी गई रकम में से पांच लाख रुपए बरामद कर लिए गए हैं। रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी पीसीआर सोलह के प्रभारी टीपुष कुजूर सहित छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। इन सभी को हिरासत में भी ले लिया गया है।

लाखों के नोट की अलग कहानी

दिलशाद और बेलाल के पास लाखों के नोट होने के पीछे एक अलग कहानी है। बताया जा रहा है कि दिलशाद, बेलाल और एक अन्य ने खलारी के दो व्यवसायियों विजय कुमार सिंह और पवन कुमार को हिंदपीढ़ी के नाला रोड में बंधक बनाकर रखा था। इन दोनों व्यवसायियों से दिलशाद और बेलाल का पहले से लेनदेन को लेकर विवाद था और इसी वजह से उन दोनों को बंधक बनाया गया था। उन्हें मुक्त करने के बदले दिलशाद और बेलाल आदि ने उसके लोगों से क्भ्.70 लाख रुपए वसूले थे। यही रकम लेकर दिलशाद और उसके सहयोगी खूंटी रोड होते हुए हिंदपीढ़ी लौट रहे थे। इसी दौरान सोलंकी चौक के पास पीसीआर क्म् की टीम ने उनकी गाड़ी चेकिंग के नाम पर रोक ली और क्क्.70 लाख रुपए छीन लिए। पीसीआर के पुलिसकर्मियों ने धमकाया कि इस बारे में किसी से जिक्र किया तो आतंकवादी बताकर जेल में डलवा देंगे। इसके बाद दिलशाद और उसके साथियों ने जाने दिया।

विजय और पवन पहुंचे थाने

इधर, विजय और पवन हिंदपीढ़ी के नाला रोड से मुक्त होने के बाद शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचें। उन दोनों ने इरशाद, बेलाल और दिलशाद द्वारा बंधक बनाकर रकम वसूली की शिकायत की। पुलिस ने इसपर इरशाद, बेलाल और दिलशाद को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो खलारी के व्यवसायियों को बंधक बनाए जाने, उनसे मोटी रकम की वसूली और फिर यह रकम पीसीआर द्वारा लूटे जाने की पूरी कहानी का खुलासा हुआ।

पौलुस ने दी थी सूचना

इरशाद और बेलाल मोटी रकम लेकर गुजरने वाले हैं, यह सूचना पीसीआर -क्म् की टीम को सोलंकी चौक के निवासी पौलुस विनीत कच्छप ने दी थी। बताया जाता है कि इरशाद और बेलाल से रुपए लूटने के बाद पुलिस ने पौलुस को भी तीन लाख रुपए दिए। शनिवार को मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने पीसीआर -क्म् की वैन से दो लाख और पौैलुस के घर से तीन लाख की रकम बरामद कर ली। बाकी रकम कहां है, इसकी जानकारी ली जा रही है। पुलिस ने बिलाल, इरशाद और पौलुस को भी हिरासत में रखा है।