रांची (ब्यूरो)। रांची समेत पूरे राज्य में गर्मी के दिनों में बिजली की मांग हर वर्ष बढ़ जाती है। लोग पंखा, कूलर, एसी समेत अन्य बिजली की उपकरणों का अधिक उपयोग करते हैं, जिससे बिजली की खपत बढ़ जाती है, लेकिन मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं होने से संकट की स्थिति पैदा हो जाती है।

आधी भी नहीं मिल रही बिजली

झारखंड में बिजली उत्पादन की क्षमता 4826 मेगावाट की है। हालांकि, अभी 4246 मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। यानी करीब 580 मेगावाट बिजली का उत्पादन कम हो रहा है। अभी राज्य में बिजली की खपत 2600 मेगावाट तक बढ़ गई है। लेकिन, राज्य को केवल 1246 मेगावाट बिजली ही मिल रही है। इसका सीधा अर्थ यह है कि राज्य को डिमांड से 1354 मेगावाट कम बिजली मिल रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि जो बिजली राज्य में उत्पादित हो रही है, उसमें से 3000 मेगावाट बिजली दूसरे राज्यों को बेच दी जा रही है। यही वजह है कि रांची समेत पूरे राज्य में बिजली की किल्लत हो गई है।

रांची को 50 मेगावाट कम बिजली

राजधानी रांची को जरूरत के 50 मेगावाट बिजली कम मिल रही है। रांची को 300 मेगावाट बिजली की जरूरत है, लेकिन डिमांड अधिक होने से मांग की पूर्ति नहीं हो पा रही है। सरकार लगातार सेंट्रल पूल से बिजली की मांग कर रही है, लेकिन देश भर में कोयले की कमी के कारण जो उत्पादन प्रभावित हुआ है, इस वजह से डिमांड के अनुसार झारखंड को पूरी बिजली नहीं मिल रही है।

रांची के सभी इलाकों में लोड शेडिंग

रांची के सभी इलाकों में लोड शेडिंग की स्थिति है। विभिन्न इलाकों में कटौती कर बिजली की आपूर्ति की जा रही है। डीवीसी के दो पावर प्लांटों से 2000 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसमें से झारखंड को महज 600 मेगावाट बिजली ही मिल पाती है। वहीं टाटा पावर और डीवीसी के संयुक्त उपक्रम मैथन पावर से 1000 मेगावाट का उत्पादन होता है, जहां से बिजली सीधे केरल, दिल्ली और पंजाब को जाती है। इन प्लांटों से झारखंड को बिजली नहीं दी जाती है। आधुनिक पावर से झारखंड को 188 मेगावाट बिजली मिलती है, जबकि टीवीएनएल से 380 मेगावाट बिजली झारखंड को मिल पाती है। बाकी सेंट्रल पूल से खरीदकर आपूर्ति की जाती है।

इन्वर्टर भी हो गया फेल

रांची में बिजली कटने से लगभग सभी इलाकों में लोग बेहाल हैैं। रात में बिजली कट जाने से लोग पसीने से तर-बतर रहे। लोगों का इंवर्टर भी जवाब दे गया। सोमवार को रांची के फ्रेंड्स कॉलोनी में रात के ढाई बजे से बिजली नहीं थी। बिजली नहीं होने से आम लोग त्राहिमाम की स्थिति में थे। अपर बाजार के इलाके में भी सोमवार की रात में घंटों बिजली नहीं रही। जबकि, मोरहाबादी, गढ़ाटोली और शांतिनगर में सोमवार को रात भर बिजली नहीं रही। डोरंडा के पीएचईडी कॉलोनी में तो बिजली बहाल थी, लेकिन इसके पीछे मनिटोला, फिरदौसनगर और डोरंडा के कई इलाकों में रात के 12 बजे से बिजली नहीं थी। इसके अलावा रातू रोड, पिस्का मोड़, हरमू, धुर्वा के विभिन्न इलाकों में बिजली बाधित रही।