RANCHI:सिटी की सड़कों पर नाबालिग बेधड़क टू-व्हीलर दौड़ा रहे हैं। बिना किसी सुरक्षा के ये नाबालिग बेतरतीब तरीके से बाइक और स्कूटी ड्राइव कर रहे हैं। इसमें स्कूल और कॉलेज के स्टूडेंट भी शामिल हैं। स्टूडेंट ट्रिपल राइड करने से भी नहीं हिचकिचाते। इन्हें पुलिस का भी कोई खौफ नहीं है। सिर्फ लड़के ही नहीं लड़कियां भी बिना हेलमेट के ट्रिपल राइड कर रही हैं। माइनर बच्चों के ड्राइविंग करने पर कानून बनाया गया है। इसके अनुसार माइनर बच्चों के ड्राइविंग करने पर उनके पेरेंट्स पर 25 हजार रुपए तक का फाइन किया जा सकता है। साथ ही लाइसेंस जब्त करने का भी प्रावधान है। एक सितबंर 2020 से यह नियम प्रभावी है। लेकिन अबतक एक भी कार्रवाई नहीं होने से इस नियम की प्रासंगिकता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।

स्टंट भी करते हैं बच्चे

माइनर सिर्फ गाड़ी ड्राइव ही नहीं कर रहे, बल्कि खतरनाक स्टंट भी कर रहे हैं। यू-ट्यूब में वीडियो देखकर 18 साल से कम उम्र के बच्चे भी बाइक पर स्टंट करने की कोशिश करते हैं। कई बार वे दुर्घटना के शिकार भी हो जाते हैं। हाल ही में 13 साल का बच्चा तुपुदाना से रिंग रोड पर स्टंट कर रहा था। अचानक अनबैलेंस होकर वह रोड पर ही गिर पड़ा। काफी दूर तक घिसटता चला गया था। बच्चे को चोट आई। पीछे से कोई हैवी व्हीकल नहीं था, अन्यथा गंभीर हादसा हो सकता था। शहर में बीच सड़क पर भी बच्चे 'लहरिया कट' मार कर जल्दी निकलने का प्रयास करते हैं। शनिवार को 'डीजे-आई नेक्स्ट' ने चार अलग-अलग स्थानों पर रियलिटी चेक किया, जहां कई माइनर ड्राइविंग करते दिखे। अहम यह है कि ट्रैफिक पुलिस के जवान भी इन्हें अनदेखा कर रहे हैं।

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प्लेस : मोरहाबादी

मोरहाबादी ग्राउंड के पास यूथ का जमावड़ा रहता है। यहां चाय पीने से लेकर फास्ट फूड खाने के लिए यूथ जमा होते हैं। कई माइनर बच्चे भी अपने दोस्तों के साथ ग्राउंड में बाइक राइडिंग करने आते हैं। शनिवार को ऐसा ही एक ग्रुप दिखा जो बाइक पर ट्रिपल राइडिंग कर रहा था। साथ में एक लड़का और दो लड़की भी थी। बाइक चलाने वाले ने हेलमेट भी नहीं पहन रखा था।

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प्लेस : डीएसपीएमयू

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (पूर्व में रांची कॉलेज) के पास दर्जनों माइनर बाइक से कॉलेज आते दिखे। कॉलेज में बाइक पर सवार तीन लड़कों से जब ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने की बात की गई तो, किसी भी स्टूडेंट के पास लाइसेंस नहीं था। यहां तक कि उनके पास वोटर आईडी कार्ड भी नहीं है। लेकिन पेरेंट्स ने महंगी बाइक खरीद कर दे दी।

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प्लेस : मेन रोड

सिर्फ स्कूल और कॉलेज जाने के लिए बच्चे बाइक और स्कूटी ड्राइविंग नहीं कर रहे, बल्कि घूमने-फिरने और मस्ती करने के लिए भी बच्चे बेखौफ गाड़ी लेकर निकल जाते हैं। मेन रोड के पास कई बच्चे दिखे जो बिना किसी सेफ्टी के बाइक चला रहे थे। यहां तक कि मेन रोड जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में रांग साइड ड्राइविंग भी करते दिखे। टै्रफिक पुलिस के जवान इन्हें रोक भी नहीं रहे थे।

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क्लब रोड

क्लब रोड में दो माइनर बच्चे रांग साइड से स्कूटी ड्राइव करते दिखे। बच्चों ने कैमरा देख कर चेहरा छिपाने की भी कोशिश की। जब उन्हें रुकने को कहा गया तो वे काफी स्पीड में मेन रोड की ओर निकल गए। उन बच्चों ने हेलमेट भी नहीं लगा रखा था। सिर्फ इन्हीं चार स्थानों का यह हाल नहीं बल्कि शहर के दूसरे इलाकों में भी सड़क पर माइनर बच्चे स्कूटी, बाइक दौड़ाते दिख रहे हैं।

पेरेंट्स ही खरीद कर देते है मंहगी बाइक

मैट्रिक पास होते ही पेरेंट्स बच्चों को महंगी-महंगी बाइक खरीद कर दे देते हैं। अभिभावकों का कहना है कि बच्चे कॉलेज जाने के लिए बाइक दिलाने की जिद करते हैं। उनकी जिद के आगे झुकना पड़ता है। चुटिया के रहने वाले अभिषेक बनर्जी ने बताया कि उनका बच्चा डीएवी कपिल देव में 11वीं क्लास में पढ़ता है। दूसरे बच्चों को देखकर वह भी बाइक दिलाने की जिद करता है। मैंने ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद बाइक दिलाने का वादा किया है। इधर नए नियम के अनुसार जो माइनर बच्चे बाइक या स्कूटी चलाते पाए जाएंगे, उनके पेरेंट्स पर कार्रवाई करने का प्रावधान है। यहां तक कि तीन साल की जेल भी हो सकती है। यही नहीं, नाबालिग जिस वाहन को चलाते पकड़ा जाएगा, उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा और नाबालिग को 25 साल की उम्र तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिलेगा। पहले इस मामले में कोई कानून नहीं था। नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने और लगातार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए यह नियम लागू किया गया है। लेकिन रांची पुलिस की ओर से इस तरह के मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

माइनर यदि ड्राइविंग करते हैं तो यह गलत है। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। स्कूल प्रबंधन पर भी इसपर रोक लगाने को कहा गया है। ट्रैफिक पुलिस लगातार जांच अभियान चला रही है। नियमों का उल्लघंन करने वालों पर नियमसंगत कार्रवाई होगी।

अजीत पीटर डुंगडुंग, ट्रैफिक एसपी