रांची (ब्यूरो) : अप्रैल, मई और जून में नगर निगम को करीब 22 करोड़ रुपए की आमदानी हुई है। इससे साबित होता है कि आम नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभाने में कोई कोताही नहीं बरतते हैं, लेकिन नगर निगम से ऐसी उम्मीद करना बैमानी है। नगर निगम को शहर वासियों ने बम्पर कमाई दी है, लेकिन निगम से इन पैसों का क्या करेगा, लोगों की सुविधा के लिए कौन सी योजना लाएगा, टूटी सडक़, नाली कब तक बनेगी इसका कोई जवाब निगम के पास नहीं है। आम नागरिक भले ईमानदारी से समय रहते हर तरह के टैक्स का भुगतान कर देते हैं, लेकिन नगर निगम की ओर से सिर्फ लापरवाही ही बरती जाती है। बारिश का मौसम शुरू हो चुका है। इस मौसम में म'छर और दूसरे बरसाती कीड़े ज्यादा पनपते हैं। इस वक्त फॉगिंग की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, लेकिन बीते कई महीने से नगर निगम ने किसी भी मुहल्ले में फॉगिंग नहीं कराया है औक न ही दवा का छिडक़ाव किया जा रहा है। इससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है।

डोर-टू-डोर कलेक्शन भी हुआ बंद

नगर निगम का प्रमुख काम गंदगी की सफाई करना है, जिसमें डोर-टू-डोर कूड़े का कलेक्शन भी शामिल है, लेकिन तीन महीने से डोर-टू-डोर कूड़े का उठाव बंद है। इससे लोगों के घरों में कचरे का ढेर लगता जा रहा है। घर के आस-पास डस्टबीन भी नहीं लगाया गया है। मजबूरन लोग इधर-उधर कचरा फेकने पर मजबूर हैैं। यही कचरा बारिश में सडक़ पर इधर-उधर फैल जाता है।

बढ़ रहे डेंगू और मलेरिया के मरीज

रिम्स में मलेरिया और डेंगू के मरीजों की संख्या फिर से बढऩे लगी है। बारिश शुरू होते ही बुखार से पीडि़त मरीज अपना इलाज कराने रिम्स आ रहे हैं। हर दिन तीन से चार लोगों में मलेरिया की शिकायत आ रही है। रिम्स के डॉक्टर अभिषेक आनंद ने बताया कि म'छरों के काटने से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी होती है। उन्होंने बताया कि रिम्स के शिशु, मेडिसिन और आइसोलेशन वार्ड में काफी मरीज भर्ती हैं। स्थिति ऐसी है कि मरीजों का बेड मिलना भी मुश्किल हो रहा है। इस साल अब तक मलेरिया के 119 मरीज रिम्स में भर्ती हो चुके हैं। वहीं, डेंगू के 32 मरीज रिम्स में इलाज करा चुके हैं। सबसे चिंताजनक बात तो यह है कि इन दिनों फिर से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। इसे देखते हुए फॉंिगग, दवा का छिडक़ाव और सेनिटाइजेशन बेहद जरूरी है।

55 हजार हाउस होल्डरों ने जमा किए 21.90 करोड़

फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के पहले क्र्वाटर में 55188 हाउस होल्डर्स ने अपने प्रोपर्टी का टैक्स जमा किया है। इन लोगों ने करीब 21.90 करोड़ रुपए जमा किए हैं। इसमें करीब 14 करोड़ रुपए डोर-टू-डोर कलेक्शन से आए हैं। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने में नगर निगम इंटरेस्ट नहीं लेता है, लेकिन डोर-टू-डोर होल्डिंग टैक्स कलेक्ट करने में नगर निगम एक्टिव है। वहीं, जन सुविधा केंद्र से दो करोड़ और डिजिटल मोड पर ऑनलाइन माध्यम से पांच करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष (2021-2022) में नगर निगम ने 59 करोड़ रुपए टैक्स वसूला था। लगभग 1.80 लाख हाउस होल्डर से यह राशि ली गई थी।

ये हैैं नगर निगम के काम

-शहर की सफाई करना

-घरों से कचरे का उठाव करना

-रोड नाली का निर्माण और रिपेयरिंग

-स्ट्रीट लाइट लगवाना और मेनटेनेंस

-पेयजल आपूर्ति समय से हो

-फॉगिंग और दवा का छिडक़ाव करना

-सेनिटाइजेशन करना

-नागरिक सुविधाओं का ख्याल रखना

-शहर में स्वच्छ सुंदर और रमणीक बनाना

टैक्स जमा करने वाले सभी नागरिकों का आभार है। इन पैसों को नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने, शहर को स्वच्छ, सुंदर और रमणीक बनाने में किया जाएगा।

मुकेश कुमार

म्यूनिसिपल कमिश्नर

आरएमसी