रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में क्राइम का ग्राफ कभी नीचे नहीं रहा है। हर हफ्ते सिटी में कोई न कोई बड़ी वारदात हो ही जाती है। चोरी, छिनतई, लूट जैसी घटना आए दिन शहर में होते रहे हैं। इन घटनाओं को अंजाम देने वाला अपराधी अधिकतर रांची में ही कमरा किराए पर लेकर बड़े आराम से रहता है। आसपास के लोगों को भनक तक नहीं लगती उनका पड़ोसी चोर, हत्यारा या मर्डरर भी हो सकता है। अपराधियों द्वारा किराये पर मकान लेकर रहने के कारण पुलिस भी इन तक आसानी से पहुंच नहीं पाती। इन्हीं परेशानी को दूर करने के लिए सिटी पुलिस रेंटर वेरिफिकेशन कराने का नियम लाया था। लेकिन लैंडलॉर्ड इस नियम में कोई दिलचस्पी नहीं लेते दिखा रहे हैं। बीते छह महीने में एक भी आवेदन रेंटर वेरिफिकेशन के लिए नहीं आए। जिससे यह साबित होता है घरों के मालिक अपने घर पर किसे किराएदार बना रहे हैं यह वे भी नहीं जानना चाहते।

सिर्फ आधार से मिल रहा रूम

राजधानी रांची में किराये पर मकान लेना इतना आसान है कि सिर्फ वोटर आईडी कार्ड या आधार कार्ड देखकर घर के ओनर रूम की चाबी किराएदार के हाथ में पकड़ा देते हैं। जबकि आज कल आधार कार्ड और वोटर कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट की फेक कॉपी बनानी कोई बड़ी बात नहीं है। कचहरी में ऐसे एक से बढ़कर एक धुरंधर बैठे हैं जो कुछ मिनट में डुप्लीकेट आधार और वोटर कार्ड तैयार कर देते हैं। जबकि किराएदारों को मकान किराए पर देने से पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन कराना बेहद जरूरी है। ऐसा करने से न सिर्फ मकान मालिक बल्कि सोसायटी भी सुरक्षित रहती है। पुलिस के रिकार्ड में भी सारी बातें मौजूद रहती हैं, जिससे अपराधियों तक पहुंचना उनके लिए आसान हो जाता है।

बीट पुलिसिंग की थी जिम्मेदारी

रेंटर वेरिफिकेशन कराने की जिम्मेवारी पुलिस बल के बीट पुलिसिंग के जवानों को सौंपी गई थी। फरवरी महीने से हर इलाके में रेंटर वेरिफिकेशन होना था। इसके लिए एसएसपी की ओर से फार्मेट तैयार कर सभी थानों को उपलब्ध भी कराया गया है। लेकिन रेंटर वेरिफिकेशन का काम सिर्फ पेपर तक ही सिमट कर रह गया है। रांची में कई ऐसे आपराधिक वारदात हो चुकी हैं, जिसमें अपराधी द्वारा किराए के मकान में रहकर कांड को अंजाम देने की पुष्टि हो चुकी है। कुछ दिनों पहले रांची के मोरहाबादी मैदान में दिनदहाड़े जमीन कारोबारी कालू लामा की हत्या कर दी गई। इस मामले में संलिप्त मुख्य शूटर अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है। छानबीन में यह बात सामने आई है कि वह रांची में ही किराए के मकान में रह रहा था। उसी प्रकार खेल गांव ओपी इलाके में कोल्ड ड्रिंक्स कारोबार की आड़ में कई शराब माफियाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जिसमें खुलासा हुआ कि रांची में रेंट के मकान में रहकर ये लोग तस्करी किया करते थे। मकान मालिक की लापरवाही के कारण आपराधिक छवि वाले व्यक्ति आसानी से शहर में रहकर अपने षडयंत्र पर काम करते रहते हैं। कई बार उग्रवादियों के भी किराए के मकान में रहने का खुलासा हुआ है। इसके बाद भी मकान मालिक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे है, और न ही पुलिस इसका अनुपालन सख्ती से करवा पा रही है।

रेंटर वेरिफिकेशन हर मकान मालिक को अनिवार्य रूप से कराना है। ऐसा करने से न सिर्फ पुलिस को मदद मिलेगी बल्कि मकान मालिक स्वयं भी सुरक्षित रहेंगे।

-एसके झा, एसएसपी, रांची