रिपब्लिक की ये पब्लिक : अभियान

स्लग: न फाइन का डर, न दूसरों की परेशानी की चिंता

-ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

RANCHI(29 Jan): राजधानी के कई इलाकों में नो पार्किग जोन में ही गाडि़यां पार्क की जा रही हैं। इसके बावजूद न तो प्रशासन को चिंता है और न ही रांची नगर निगम को। कुछ लोग ऐसे हैं, जो नो पार्किग में गाड़ी खड़ी कर दूसरों के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं। उन्हें न तो फाइन की चिंता है और न ही किसी का डर। चूंकि ऐसा करने वालों पर कोई एक्शन ही नहीं लिया जाता।

बाइक पर 200 रुपए फाइन

नो पार्किग में बाइक खड़ी करने पर 200 रुपए फाइन लगाना है। वहीं, व्हीकल के लिए 500 रुपए चार्ज तय है। इसके बावजूद पुलिस नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है।

नो पार्किग जोन में गाड़ी खड़ी होने से रोड पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस सब देखती रहती है। कभी-कभी दिखावे के लिए एक-दो लोगों का चालान काट दिया जाता है। लेकिन बाद में फिर सबकुछ वैसा ही हो जाता है। व्यवस्था सुधारने के लिए रेगुलर जागरूक करते हुए फाइन लगाने की जरूरत है।

नित्यानंद पांडेय

जाम की समस्या के लिए नो पार्किग में खड़ी गाडि़यां जिम्मेवार हैं। अगर स्थिति नहीं सुधरती है तो इसकी वजह से हादसों की संख्या और बढ़ जाएगी। ट्रैफिक पुलिस वाले बैठकर केवल तमाशा देखते है। उन्हें तो चिंता ही नहीं है कि पब्लिक को खाली रोड मिले। ऐसे लोगों पर एक्शन हो तो ट्रैफिक स्मूद हो जाएगी।

रंजन

नो पार्किग में खड़ी गाडि़यों को अगर नियम के हिसाब से फाइन काटा जाए और व्हीकल को टो अवे कर लिया जाए, तो लोग सुधरेंगे। लेकिन पुलिस तो ऐसा करती ही नहीं है। इसके अलावा जागरूकता के लिए हर दिन लोगों को नियमों की जानकारी देनी होगी।

सोनामनी कुमारी