रांची (ब्यूरो) । राज्य के सबसे बडे हॉस्पिटल रिम्स के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों में नाराजगी है। लोग बार-बार रिम्स प्रबंधन से समस्या के समाधान की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का निदान अबतक नहीं हो सका है। इसी मामले पर हॉस्पिटल के पीछे वाली बस्ती में रहने वाले लोगों ने पिछले सप्ताह शासी परिषद की बैठक में शामिल होने आए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मिल कर भी अपनी बात रखनी चाही, लेकिन मंत्री उनकी बात सुने बिना ही चले गए। इस कारण यहां के लोगों में नाराजगी बढ़ गई।
दीवार का मामला
यह मामला एक दीवार से जुड़ा है। हॉस्पिटल के पीछे वाली बस्ती में रहने वाले लोगों के आने-जाने के लिए यह एक मात्र रास्ता था, जिसे रिम्स प्रबंधन की ओर से बंद कर दिया गया है। रास्ते में दीवार बन जाने से करीब पांच हजार लोगों के आने-जाने का मार्ग अवरुद्ध हो गया है। यह विवाद कोई नया नहीं है। बीते पांच सालों से यहां रहने वाले लोग सड़क की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
40 साल पुरानी सड़क
कॉलोनी के लोगों का कहना है कि करीब 40 साल पुराने रास्ते को एक षडयंत्र के तहत बंद करने की साजिश रची जा रही है। इसी सड़क से कॉलोनी के लोगों का आना जाना होता था। अब इस स्थान पर दीवार खड़ी कर दी गई है। हालांकि आने-जाने के लिए दो फीट का जगह दिया गया है। उसमे वाहन ले जाना असंभव है। पैदल ही आम नागरिक आवागमन करते हंै। लेकिन सड़क पैदल चलने लायक भी नहीं छोड़ी गई है। रास्ते में जहां-तहां बड़े-बड़े गढ्ढे कर दिए गए हैं। वहीं पूरी सड़क में नाले का गंदा पानी बहा कर इसे तहस-नहस कर दिया गया है। यहां से पैदल गुजरना भी मुश्किल हो रहा है। इस सड़क से मुहल्ले में रहने वाले महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग सभी गुजरते हैं और सभी को परेशानी हो रही है। कई लोग गड्ढे में गिरकर घायल हो चुके हैं। इसी समस्या को स्वास्थ्य मंत्री के सामने रखने का प्रयास किया गया तो वे समस्या सुने बिना ही चले गए।
रिम्स प्रबंधन का यह है तर्क
इस मामले में हॉस्पिटल प्रबंधन का कहना है सड़क के बगल में ही ब्वॉयज और गल्र्स हॉस्टल है। यहां स्टूडेंट्स रहते हैं। सड़क होने के कारण इस स्थान से असामाजिक तत्व आना-जाना करते हैं। कई बार यहां जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट और छिनतई भी की गई है। वहीं गल्र्स स्टूडेंट के साथ छेड़छाड़ की भी शिकायत आ चुकी है। इसे देखते हुए ही सड़क बंद करने का निर्णय लिया गया है। लेकिन लोग इसका बार-बार विरोध कर रहे हैं। डॉक्टरों की सेफ्टी को देखते हुए ही दीवार खड़ी की गई थी। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि मेडिकल स्टूडेंट्स इसी स्थान पर बैठकर ड्रिंक करते हैं। लोगों के आने-जाने से उन्हें ड्रिंक करने में नहीं बनता है। इसके अलावा कुछ स्टूडेंट यहां पर अश्लील हरकतें भी करते हैं। पूरी रात डीजे बजा कर नाच-गाना करते हैं। लेकिन कॉलोनी के लोगों को इससे कोई मतलब नहीं है। पब्लिक को सिर्फ आने-जाने के लिए सड़क चाहिए।
क्या कहते हैैं लोग
40 साल से लोग इस रास्ते से आना-जाना करते थे, लेकिन इसे अब बंद कर दिया गया है। सड़क बंद होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इसका निदान होना चाहिए।
- सविता देवी

सड़क की समस्या लेकर कई बार रिम्स प्रबंधन को अवगत कराया गया। शासी परिषद में शामिल हुए स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष भी बात रखी गई, लेकिन उन्होंने भी इसे अनसुना कर दिया।
- धनंजय कुमार

जिस रास्ते से लोग आना-जाना करते हैं, उसे तहस-नहस कर दिया गया है। बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए गए हैं। सड़क को नाला बना दिया गया। यही एक मात्र सड़क है, वहां भी दीवार कर खड़ी कर दी गई है।
- सुमित्रा देवी

दीवार के मुद््दे के निराकरण के लिए रिम्स डायरेक्टर को जिम्मेवारी सौंपी गई है। बीच का कोई रास्ता निकालने को कहा गया है, जिसमें डॉक्टर और आम पब्लिक दोनो में किसी को परेशानी न हो।
- बन्ना गुप्ता, हेल्थ मिनिस्टर