स्लग: रिम्स के वार्ड से इमरजेंसी तक 5 घंटे दौड़ लगाते रहे परिजन

-बोकारो का मरीज जिंदगी व मौत से जूझ रहा है

RANCHI(08 Jan): रिम्स में हीमोफीलिया पेशेंट बापी दास टाइम पर फैक्टर नहीं मिलने से कोमा में चले गए हैं। न्यूरो सेमी आइसीयू में फिलहाल वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। अब तो वह कब नॉर्मल हो पाएंगे, यह बता पाना मुश्किल है। सोमवार को जब हीमोफीलिया सोसायटी के सेक्रेटरी संतोष जायसवाल ने इसकी कंप्लेन की, तो बापी दास को फैक्टर 8 चढ़ाया गया। बताते चलें कि बोकारो के चंदनकियारी के रहने वाले बापी सिरदर्द की शिकायत लेकर रिम्स इमरजेंसी पहुंचे थे। लेकिन उन्हें फैक्टर 8 नहीं चढ़ाया गया। हालांकि, इस मामले में डायरेक्टर ने जांच के आदेश्ा दिए हैं।

चक्कर लगाते रहे परिजन

सिर में तेज दर्द के बाद परिजन उसे सीधा इमरजेंसी लेकर पहुंचे। लेकिन डॉक्टरों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया और न्यूरो वार्ड में जाने को कहा। न्यूरो वार्ड से भी डॉक्टरों ने उसे वापस इमरजेंसी भेज दिया। इमरजेंसी से वार्ड का चक्कर लगाने में पांच घंटे बीत गए। इसके बाद उसकी स्थिति बिगड़ने लगी और सोमवार सुबह चार बजे वह कोमा में चले गए।

वर्जन

रिम्स में लगातार हीमोफीलिया के मरीजों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। फैक्टर रहने के बावजूद उन्हें खाली हाथ लौटाया जा रहा है। बापी दास चलते हुए रिम्स आए थे, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही से वह अब कोमा में हैं। प्रबंधन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने की जरूरत है।

-संतोष कुमार जायसवाल, सेक्रेटरी, हीमोफीलिया सोसायटी, झारखंड