RANCHI: 7 दिसंबर से राज्य का सबसे बड़ा हास्पिटल रिम्स कैशलेस बन जाएगा, जहां मरीजों को कैश और बड़े नोटों के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही कैश लेकर चलने की टेंशन भी खत्म हो जाएगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स समेत राज्य के तीनों मेडिकल कालेजों को दस दिसंबर तक व्यवस्था लागू कराने का निर्देश दे दिया है।

स्वाइप मशीन से होगा पेमेंट

रजिस्ट्रेशन से लेकर कैश काउंटर तक हर जगह स्वाइप मशीन लगाई जाएंगी। हास्पिटल में फिलहाल दस मशीन लगाने की तैयारी है। इसके बाद जरूरत के हिसाब से मशीन बढ़ाई जा सकती है, जिसके माध्यम से मरीज रजिस्ट्रेशन और जांच के लिए पेमेंट कर सकेंगे। अब लोगों को पर्ची कटाने और टेस्ट के लिए चेंज और नोट रखने का टेंशन नहीं होगा।

मरीजों को जारी होगा स्मार्ट कार्ड

रिम्स के निदेशक डॉ। बीएल शेरवाल ने बताया कि मरीजों को स्मार्ट कार्ड भी देने की तैयारी है। इससे मरीज कार्ड से ही जांच का भुगतान भी कर सकेंगे। इस कार्ड में रिचार्ज की व्यवस्था होगी। इससे अपनी जरूरत के हिसाब से लोग रिचार्ज करा सकेंगे।

अकाउंट में होगा रिफंड

अगर मरीज की कोई जांच नहीं होती है या फिर वह जांच के लिए पर्ची कटाने के बाद लौटना चाहता है तो उसका रिफंड अकाउंट में ही किया जाएगा। पेमेंट के लिए जिस अकाउंट का इस्तेमाल होगा प्रबंधन उसी में रिफंड के पैसे भी भेजेगा। कई बार लोग कार्ड से पेमेंट करने के बाद कैश में रिफंड करने के लिए कहते हैं।

पीपीपी मोड वाले सेंटर्स भी करेंगे व्यवस्था

स्वास्थ्य विभाग ने झारखंड सरकार के साथ पीपीपी मोड पर काम कर रहे हेल्थ सेंटर्स को भी कैशलेस व्यवस्था करने का आदेश दिया है। इसके लिए सेंटरों पर स्वाइप मशीन लगाने का निर्देश दिया गया है। इससे मरीजों को परेशानी नहीं होगी। साथ ही मरीजों को पैसे चोरी होने का डर भी नहीं रहेगा।

वर्जन

अभी तो सरकार ने कैशलेस बनाने का आदेश दिया है। लेकिन हमारी योजना तो सभी टेस्ट फ्री करवाने की है। ऐसे में किसी कार्ड की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। फिलहाल तो स्वाइप मशीन के माध्यम से लोग पेमेंट कर सकेंगे। स्मार्ट कार्ड देने की भी हम तैयारी कर रहे हैं।

-डॉ.बीएल शेरवाल, डायरेक्टर, रिम्स