रांची: रांची रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरआरडीए) क्षेत्र में बिना प्लानिंग हजारों की संख्या में घर बन गए हैं। उन इलाकों में बिना नक्शा और बिना प्लानिंग के घर बन जाने के कारण सड़क, नाली की परेशानी से लोग परेशान हैं। ऐसे में यहां आरआरडीए रोड कनेक्टिविटी बढ़ाने वाला है। इसकी तैयारी भी आरआरडीए ने शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत नामकुम के बसारगढ़ एरिया से हटिया टोंको रोड जो 13 किलोमीटर तक बनाया जाएगा के साथ की जा रही है। आरआरडीए द्वारा रोड बनाने को लेकर टेंडर भी जारी कर दिया गया है। इस सड़क के बनने के बाद आसपास के क्षेत्र में सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाने का काम और तेज हो जाएगा।

इन इलाकों में बनेगा रोड

पंडरा बाजार समिति के आगे पंडरा नदी पुल, आईटीआई बस स्टैंड के आगे बजरा, पुंदाग, खूंटी रोड, नामकुम में सदाबहार चौक, ओरमांझी रोड में जुमार नदी पुल, कांके रोड में बोड़ेया और पोटपोटो नदी पुल तक का क्षेत्र आरआरडीए के अंदर आता है। इन क्षेत्रों को पूरी तरह से रोड कनेक्टिविटी से जोड़ दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के घरों का नक्शा पास करने की जिम्मेवारी आरआरडीए के पास है। अब इन इलाकों में रहने वाले लोगों को जो मूलभूत सुविधाएं हैं, वो भी आरआरडीए ही उपलब्ध कराएगा।

सुविधा उपलब्ध कराने में होती है दिक्कत

आरआरडीए के एक अधिकारी ने बताया कि जब आरआरडीए से लोग नक्शा पास कराते हैं तो पता चलता है कि किस इलाके में मकान बन रहे हैं। मकान बनने से पहले वहां पानी, बिजली, सड़क, नाली आदि की प्लानिंग आरआरडीए करता है। लेकिन जब नक्शा ही पास नहीं होता है तो आरआरडीए के पास डाटा उपलब्ध नहीं हो पाता है, जिसके कारण मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में परेशानी होती है।

नहीं मानते हैं आरआरडीए का आदेश

आरआरडीए ने 3 साल पहले एक निर्देश जारी किया था कि उसके इलाके में निजी घर या सोसाइटी बनाने वालों को 8 हजार रु। प्रति डिसमिल की दर से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फीस प्राधिकार में जमा करना होगा। इसका मकसद है कि कोई ब्रोकर जमीन की प्लॉटिंग करके उसे बेचता है तो उसे भी आरआरडीए से प्लॉटिंग मैप स्वीकृत कराना होगा। लेकिन ब्रोकर अपनी मनमानी करते हैं।

जेडीए की तर्ज पर तय हुआ था विकास शुल्क

जयपुर विकास प्राधिकार (जेडीए) की तर्ज पर आरआरडीए ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फीस अनिवार्य किया है। जेडीए में सोसाइटी और निजी घर के लिए अलग-अलग शुल्क तय है, जयपुर में सोसाइटी डेवलप करने पर 140 रु। प्रति वर्गमीटर की दर से विकास शुल्क लगता है। लेकिन निजी जमीन पर कोई व्यक्ति घर बनाता है तो उसे 200 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से विकास शुल्क देना होता है। इसमें शर्त है कि जमीन के 500 मीटर की दूरी में बिजली की लाइन है या 60 फीट से अधिक चौड़ी सड़क है तो विकास शुल्क मात्र 100 रु। प्रति वर्गमीटर लगेगा। अगर बिजली लाइन, सड़क की चौड़ाई पर्याप्त नहीं है तो विकास शुल्क 200 रु। प्रति वर्गमीटर की दर से लगेगा। इसके बदले जेडीए सड़क-नाली, बिजली पोल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराता है।