रेमडिसिवीर इंजेक्शन की छीना-झपटी में नर्सो से बदसुलूकी

पुलिस की तैनाती के बाद मानीं नर्सें , दिन भर अव्यवस्था का आलम रहा सदर हॉस्पिटल में

रांची के सदर हॉस्पिटल में शनिवार को सुबह से शाम तक अव्यवस्था का आलम रहा। सुबह जहां मरीजों के ऑक्सीजन को लेकर मारा-मारी रही, वहीं शाम को रेमडिसिवीर इंजेक्शन को लेकर अव्यवस्था फैल गई। दरअसल, शाम को जब नर्सें मरीजों को रेमडिसिवीर इंजेक्शन देने लगीं, तो मरीजों के परिजनों में पहले इंजेक्शन लगवाने की होड़ लग गई। अफरा-तफरी में एक मरीज के परिजन ने एक नर्स की बांह मरोड़ दी और इंजेक्शन लेकर भागने लगा। इसके बाद सीनियर नर्सो ने काम से खुद को अलग कर लिया। इसकी जानकारी अस्पताल और जिला प्रशासन को मिली, तो अधिकारी वहां पहुंचे। सदर में 400 मरीज भर्ती हैं, जिनका कोविड को लेकर इलाज चल रहा है। अधिकारियों ने नर्सो के मनाने की कोशिश की, लेकिन उनकी एक ही मांग थी कि उन्हें सुरक्षा दी जाए।

देर रात मिली सेक्योरिटी

नर्सो को सदर हॉस्पिटल में देर रात सेक्योरिटी दी गई। पुलिसवालों की तैनाती की गई, जिसके बाद दोबारा मरीजों को सुरक्षा के बीच इंजेक्शन लगना शुरू हुआ। इस दौरान अफरा-तफरी मची रही। करीब तीन घंटे तक जूनियर नर्सो के हवाले सारे मरीज रहे। इससे पूर्व सुबह में भी सदर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर मारा-मारी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। एक मरीज की ऑक्सीजन के अभाव में मौत भी हुई थी, जिसके बाद परिजनों ने हंगामा भी किया था। रात 11 बजे के आसपास सदर में स्थिति सामान्य हो पाई।

रांची में फिर मिले 1609 मरीज

कोरोना के मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। रांची में शनिवार को एक बार फिर 1609 मरीजों की पहचान हुई। दूसरी ओर राज्य भर में 5152 संक्त्रमितों की पहचान हुई। रांची के अलावा अन्य 15 जिलों में भी बड़ी संख्या में संक्त्रमित पाए गए। शनिवार को कोरोना से मरने वालों का भी आंकड़ा 110 हो गया। अकेले रांची में ही 60 लोगों की मौत हो गई। 16 लोगों ने जमशेदपुर में दम तोड़ा। इधर, रिकवरी के मामले में शनिवार को 824 की संख्या के साथ रांची सबसे ऊपर रही। हालांकि, जमशेदपुर में 570 संक्त्रमितों की पहचान हुई और वहां 368 की रिकवरी भी हुई। रांची में अब भी 14866 एक्टिव केसेज बचे हैं।