रांची (ब्यूरो): सिटी के अलग-अलग लोकेशन में धड़ल्ले से यह अवैध धंधा चल रहा है। कुछ दिनों पहले ही पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस के सुस्त पड़ते ही मटकाबाजों का गिरोह सक्रिय हो गया है। राजधानी रांची में सरेआम यह अवैध खेल खेला जा रहा है।

लाचार है पुलिस

मटका खेल एक तरह का जुआ है। इसकी रोकथाम को लेकर राजधानी की पुलिस पहले भी दबिश देती रही है, लेकिन इस खेल को पूरी तरह रोकने में पुलिस अब भी बेबस और लाचार नजर आती है। कुछ थाना क्षेत्र में पुलिस के संरक्षण में ही इस खेल का संचालन हो रहा है। खेल में होने वाले अवैध कमाई का कुछ हिस्सा थानों को भी भेजा जाता है। लोअर बाजार थाना, चुटिया थाना, सुखदेव नगर थाना, कोतवाली आदि इलाकों में मटकाबाज सक्रिय हैैं।

अनजान स्थानों पर चल रहा है खेल

मटके का खेल ज्यादातर अनजान स्थानों पर ही खेला जा रहा है। टूटे-फूटे पुराने घर, जर्जर भवन, बंद पड़े सरकारी स्कूल में मंडली जमा होती है। इन्हीं जगह पर सट्टा लगाया जाता है। सट्टा लगाने वाले मोबाइल फोन की मदद से एक-दूसरे से कनेक्ट रहते हैं। कब किस नंबर पर दाव लगाना है, इसकी पल-पल की अपडेट लेते रहते हैं। यह एक नंबरिंग गेम है। इसमें ताश के पत्ते के आधार पर नंबर लगाया जाता है। सभी नंबर लिखे पर्ची को एक मटका में रखकर लॉटरी किया जाता है। लॉटरी आने पर इस खेल में लगाए गए पैसे को चार गुणा तक दिया जाता है। जबकि राजधानी समेत पूरे राज्य मेें सभी प्रकार के जुए पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद रांची में खेल रुक नहीं रहा है। दीवाली के मौके पर यह और अधिक बढ़ जाता है। लोअर बाजार थाना क्षेत्र रतन टॉकीज के समीप पुराने मकान में, मेन रोड कलाल टोली में अब भी गैंबलिंग का यह खेल खेला जा रहा है, जबकि पहले भी पुलिस यहां छापेमारी कर चुकी है। मटका खेलते हुए गैंग के सदस्य गिरफ्तार भी हुए हैं। लेकिन दो-चार दिन धंधा बंद रहने के बाद फिर खेल शुरू हो गया है।

अलग-अलग टाइम फिक्स

रांची में मटका का कारोबार अलग-अलग टाइम पर किया जा रहा है। इसमें भूतनाथ मटका शाम के 5.50 बजे खुलता है और 8.50 बजे बंद हो जाता है। वहीं, बरली मटका रात के 9.50 बजे खुलता है और रात के 12.50 बजे बंद हो जाता है। मटका खेलने वालों को इसका रिजल्ट अगले दिन सुबह छह-सात बजे मिल पाता है। इसके अलावा शक्ति मटका दिन के 2.50 बजे खुलता है और शाम 4.50 बजे क्लोज हो जाता है।

हर दिन 50 लाख का दांव

मटके के खेल में हर दिन 50 लाख रुपए का दांव लग रहा है। दीवाली के मौके पर यह राशि और अधिक बढ़ जाती है। महीने में 15 से 20 करोड़ रुपए दांव पर लग जाते हैं। सिर्फ रांची में ही तीन दर्जन स्थानों पर मटका का खेल चल रहा है।

बढ़ा रहा अपराध

जुए का यह खेल अपराध को भी बढ़ावा दे रहा है। मटके वाले स्थान पर नशे का भी कारोबार हो रहा है। हर तरह के नशे के साधन यहां मौजूद होते हैं। मटका के इन अड्डों में लगने वाले दांव से शहर में अपराध बढ़ रहे हैं। रांची में चोरी झपटमारी करने वाले अपराधी मटका के अड्डों पर पहुंचकर अपना दांव लगाते हैं। इसके अलावा रंगदारी मांगने वाले और लूटपाट करने वाले अपराधियों का भी जमावड़ा इन अड्डों पर लगता है। इन अपराधिक कैटेगरी के अलावा जमीन पर कब्जा दिलाने वाले गिरोह के लोग भी मटका के अड्डों पर पहुंचते हैं।

इन इलाकों में चल रहा अवैध धंधा

लोअर बाजार थाना

रतन टॉकीज के समीप, मेन रोड कलालटोली

जगन्नाथपुर थाना

लीची बगान, जगन्नाथपुर मंदिर के पीछे

सुखदेव नगर थाना

मधुकम, इंद्रपुरी रोड नंबर 10, अलकापुरी, खादगढ़ा सब्जी मंडी और किशोरगंज संस्कृत कॉलेज के आसपास, चुन्ना भट्ठा, इरगु टोली

इसके अलावा नामकुम थाना, मौलाना आजाद कॉलोनी के समीप, रातू थाना, चुटिया थाना, बरियातू थाना क्षेत्र के भी कुछ इलाकों में मटका का खेल चल रहा है।

पुलिस कार्रवाई कर रही है। सूचना के आधार पर छापेमारी कर आरोपियों की धर-पकड़ जारी है।

किशोर कौशल

एसएसपी, रांची