रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डा। एसएन पाठक की अदालत में एसडीओ की प्रोन्नति को लेकर अधिसूचना जारी नहीं करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में मुख्य सचिव से जवाब मांगा है। अदालत ने मुख्य सचिव से पूछा है कि जब इस मामले में सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, तो अधिसूचना जारी क्यों नहीं की गई है। इस संबंध में सुषमा नीलम सोरेन सहित 25 अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों के अधिवक्ता शादाब बिन हक ने अदालत को बताया गया कि नवंबर 2020 में ही डीपीसी करने के बाद इनके प्रोन्नति की अनुशंसा कर दी गई। इस पर मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी। लेकिन अभी तक विभाग की ओर से प्रोन्नति की अधिसूचना जारी नहीं की गई है।

सभी प्रोन्नति पर रोक

इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए मुख्य सचिव ने एक पत्र जारी कर सभी तरह की प्रोन्नति पर रोक लगा दी है। अदालत को बताया गया कि सीएस ने दिसंबर 2020 में प्रोन्नति पर रोक लगाई गई थी, लेकिन जनवरी 2021 में एसडीपीओ को प्रोन्नति प्रदान कर दी गई। ऐसा करना उनके साथ भेदभाव है। सरकार अपने मनपसंद लोगों को प्रोन्नति दे रही है। उनकी ओर से प्रोन्नति की अधिसूचना जारी करने के संबंध में राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। अदालत ने इस मामले में मुख्य सचिव को शपथ पत्र दाखिल कर अधिसूचना जारी नहीं किए जाने के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।