रांची (रांची) । दो साल से फ्लाईओवर निर्माण का साइड इफेक्ट झेल रहे रांची के लोगों को कांटाटोली में कुछ राहत मिलने वाली है। जल्द ही सर्विस लेन बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद इस रोड पर ट्रैफिक को लेकर ज्यादा परेशानी नहीं होगी। जुडको के महाप्रबंधक परिवहन की देखरेख में शांति नगर-बहुबाजार फ्लाईओवर के निर्माण के तहत शांति नगर से कांटाटोली चौक तक बांयी और दायी ओर दोनों तरफ सर्विस लेन के निर्माण के बाद बिटुमिन से कालीकरण किया जा रहा है।

पियर पर लगेगा कैप

इस सर्विस रोड के बनने के बाद बीच सड़क पर चल रहे वर्तमान यातायात को रोक कर सर्विस रोड से यातायात खोला जायेगा। इसके बाद बीच सड़क पर पियर पर कैप लगाने एवं अन्य तकनीकी काम किया जायेगा। कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण काफी तेजी से हो रहा है। जुडको ने इस फ्लाईओवर के पूरा होने का टार्गेट मार्च तक रखा है। हालांकि, दावा यह भी किया जा रहा है कि दिसंबर तक यह बनकर तैयार हो जाएगा।

डीआरए कंपनी कर रही काम

मालूम हो की जुडको ने अहमदाबाद की डीआरए कंपनी को निर्माण का काम सौंपा है। 2.4 किलोमीटर के फ्लाईओवर में 43 पीयर लगाए जाने है। 43 पीयर में से 38 पीयर का काम पूरा हो चुका है। इसके साथ ही 65 पाईङ्क्षलग का काम भी पूरा हो चुका है। 2.4 किलोमीटर के फ्लाईओवर को 486 सेगमेंट जोड़कर बनाया जाना है। इसके लिए भी सेगमेंट काङ्क्षस्टग का काम शुरु हो चुका है। योगदा सत्संग से पेट्रोल पंप तक अतिक्रमण हटाया जा चुका है। जिसके बाद से भी निर्माण कार्य में तेजी आया है। 24 मार्च 2024 तक कंप्लीशन डेट रखा गया है लेकिन अधिकारियों का कहना हैं की दिसंबर तक काम पूरा हो जाएगा।

सर्विस लेन से होगा फायदा

कांटाटोली फ्लाईओवर निर्माण हो जाने से शहरवासियों को जाम से बड़ी राहत मिल जाएगी। तत्काल में निर्माण के कारण स्टेशन रोड से लेकर कांटाटोली चौक तक लोगों को घंटों जाम में फंसना पड़ता है। कांटाटोली चौक से गढ़ा टोली की ओर सर्विस लेन का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। सड़क के दोनों किनारे पर सर्विस लेन का निर्माण हो रहा है। गौरतलब हो की कंपनी सर्विस लेन का काम जल्द से जल्द पूरा करना चाहती हैं। सर्विस लेन का काम पूरा हो जाने से लोगों को राहत मिलेगी। वहीं कंपनी भी बीच का रास्ता बंद करके निर्माण कार्य में तेजी लाएगी। कांटाटोली फ्लाईओवर निर्माण 224 करोड़ की लागत से हो रहा है। शुरुआत में इसका निर्माण को लेकर 40 करोड़ की डीपीआर बनी थी, लेकिन धीरे-धीरे इसकी लागत बढ़कर 224 करोड़ हो गया।