रांची (ब्यूरो)। राजधानी रांची में बिजली की क्या स्थिति है, यह किसी से छिपा नहीं है। दिनोंदिन इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई व्यवस्था बिगड़ती ही जा रही है। 24 घंटे में महज 15 से 18 घंटे ही बिजली आपूर्ति हो रही है। चार से पांच घंटे हर दिन बिजली कट रही है। इन दिनों सुबह-सुबह हर रोज बिजली कट रही है। कुछ इलाकों में नियमित रूप से बिजली कट रही है, जिसकी शिकायत हर दिन पब्लिक बिजली विभाग से कर रही है, लेकिन विभाग आम लोगों की शिकायत सुनना तो दूर लोगों से वसूली की योजना तैयार कर रहा है। जी हां,बिजली बोर्ड ने फरवरी महीने में 71 करोड़़ रुपए वसूली का टारगेट तय किया है। इसके लिए विभाग के कर्मचारियों को जिम्मेवारी सौंप दी गई है। बिजली बिल नहीं देने वालों का कनेक्शन काटने का भी आदेश जारी कर दिया गया है। जिला के अलग-अलग एरिया बोर्ड के लिए अलग-अलग टारगेट दिया गया है। इसी महीने से इसे कलेक्ट करने का लक्ष्य है।

90 टीमों को वसूली का जिम्मा

राजस्व संकट से जूझ रहे बिजली वितरण निगम ने वसूली अभियान तेज कर दिया है। फरवरी के लिए विद्युत आपूर्ति अंचल रांची में 71 करोड़़ व आपूर्ति अंचल गुमला में 8.2 करोड़़ रुपए राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। इसके लिए रांची सर्किल के सभी छह डिविजन में सघन अभियान चलाया जाएगा। निगम ने राजस्व वसूली के लिए 90 टीम तैयार किया है। जो रांची और गुमला सर्किल में बकाया कलेक्शन करेंगी। साथ ही वैसे बकायेदार जिनका बिजली का बिल दस हजार रुपए से ज्यादा है, उनका कनेक्शन काटने की भी योजना बनाई गई है। रांची सर्किल के अलग-अलग प्रमंडल के लिए लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें कोकर रांची पूर्वी डिविजन में सबसे ज्यादा 14 करोड़़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद डोरंडा में 12 करोड़़ और रांची पश्चिमी के लिए 11 करोड़़ रुपए का टारगेट दिया गया है।

बिजली कटने से परेशानी

बिजली की समस्या राजधानी रांची में लगातार बनी हुई है। हर दिन अलग-अलग कारणों से पॉवर सप्लाई काट दी जाती है, जिसमें आम लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। बुधवार को चुटिया के कई इलाके, पिस्का मोड़, इंद्रपुरी, बहु बाजार, पुंदाग आदि में सुबह काफी देर बिजली कटी रही। वहीं एक दिन पहले मंगलवार को भी कोकर, लालपुर समेत हरमू के कई इलाकों में बिजली कटी रही। सिटी के हर इलाके में तीन से चार घंटे बिजली नियमित रूप से कट रही है। इन दिनों स्कूल कॉलेज खुलने के बाद लोगों की और परेशानी बढ़ गई है। सुबह-सुबह स्कूल में समय पर ही लाइट कट जाती है, जिससे जाने वाले स्टूडेंट्स को थोड़ी परेशानी होती है। वहीं ठंड का मौसम होने के कारण घर के बड़े बुजुर्ग को भी रूम हीटर और नहाने के लिए गर्म पानी की जरूरत पड़ती है। लाइट कई काम आसान बना देता है, लेकिन लाइट के नहीं होने से आसान काम भी मुश्किल लगने लगता है।

किस प्रमंडल का कितना है लक्ष्य

रांची सेंट्रल 09 करोड़

कोकर 14 करोड़

न्यू कैपिटल 8.5 करोड़

डोरंडा 12 करोड़

रांची पूर्वी 14 करोड़

रांची पश्चिमी 11 करोड़

खूंटी 2.5 करोड़

गुमला 3.6 करोड़

सिमडेगा 1.6 करोड़

लोहरदगा 03 करोड़