रांची (ब्यूरो) । जेएसपीसीबी ने पृथ्वी के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए हैं। हवा, पानी, मिट्टी, वनस्पति, इंधन, ऊर्जा से महत्वपूर्ण कुछ भी जीवन में नहीं है। यही वे तत्व हैं जो हमें जिन्दा रखते हैं। झारखंड वह प्रदेश है जिसको प्रकृति ने वन, पहाड़, झरनों और खनिज समेत कई प्रकार के पेड़-पौधे और जीव-जंतुओं का उपहार दिया है। यह बातें झारखंड प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष एस सामंता ने कही। अध्यक्ष बोर्ड की ओर से आयोजित जन जागरूकता कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा घर पृथ्वी है और हमें इसके संरक्षण और अपने दीर्घकालीन जीवन-यापन के लिए हमारा प्रकृति के साथ सामंजस्य बने इसके लिए महेशा प्रयत्नशील रहना चाहिए।

संसाधनों को बचाने की जरूरत

उन्होंने कहा कि वर्तमान में घटती हुई प्राकृतिक सम्पदा को संरक्षित और सम्वर्धित करने की आवश्यकता है, नहीं हो हमें पृथ्वी पर जीवन के लिए और अधिक संघर्ष करना पड़ेगा।

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सामने वास्तविक चुनौती है, जिसमें समाज में जागरूकता बनाने और लगातार और तत्काल कार्यवाही करना शामिल है। बोर्ड के सदस्य सचिव वाईके दास ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए युवा पीढ़ी हमारा रास्ता दिखाए और समाज हमारी बातों को गंभीरता से सुने। जब तक समाज हमारी बातें नहीं सुनेगा तक तब जागरूकता नहीं आएगी। इस अवसर पर क्विज, निबंध लेखन और आशु (एक्सटेम्पोर) भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई,

जिसमें जजों के पैनल में कई प्रख्यात लोग शामिल हुए। इनमें नन्हें कदम स्कूल की डायरेक्टर विभा सिंह, झारक्राफ्ट के पूर्व एमडी धीरेंद्र कुमार, अध्यक्ष, आर्यज्ञान प्रचार समिति प्रेम प्रकाश आर्य, सहायक प्रोफेसर आईसीएफआई विश्वविद्यालय के डॉ सुब्रत डे, और कैराली स्कूल के चेयरमैन फिलिप मैथ्यू शामिल थे।