-सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को किसका है इंतजार

-लाखों रुपए फूंकने के बाद भी नदी में डाल रहे गंदा पानी

-नगर निगम ने हरमू नदी के पास बनाया है ट्रीटमेंट प्लांट

-सिटी के ड्रेनेज के पानी को ट्रीट कर नदी में डालने का था प्लान

राजधानी के अलग-अलग इलाकों से सीवरेज-ड्रेनेज निकलते हैं, जिसमें अधिकतर का गंदा पानी नालियों से होते हुए हरमू नदी में गिरता है। इस गंदे पानी को साफ कर नदी में डालने के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए, जिससे कि सिटी के गंदे पानी को साफ कर उसे नदी में डाला जाए। लेकिन विभाग और नगर निगम की सुस्ती ने पूरी योजना पर ही ब्रेक लगा दिया। आज स्थिति यह है कि सिटी का कचरे वाला पानी बड़े ड्रेनेज से सीधे नदी में जा रहा है, जिससे साफ है कि विभागों ने प्लांट लगाने के नाम पर केवल आईवॉश करने का काम किया।

10.5 किमी सीवर लाइन भी बेकार

घरों से निकलने वाले गंदा पानी को नदी में गिरने से रोकने के लिए 10.5 किलोमीटर सीवर लाइन भी बिछाई गई थी। इसके अलावा घरों को सीवर लाइन से कनेक्ट करने के लिए प्रत्येक घर के सामने प्रॉपर्टी चैंबर भी बनाए गए थे। इसके बाद भी पानी को साफ करने की योजना फेल हो गई। अब फिर से नाले में घरों से निकलने वाला गंदा पानी बहाया जा रहा है जो सीधे हरमू नदी में गिर रहा है।

छह एसटीपी से भी निकल रहा गंदा पानी

सिटी के अलग-अलग इलाकों से निकलने वाले सीवर के पानी को साफ करने के लिए हरमू नदी के किनारे 6 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए, जिसका उद्देश्य यह था कि नाले के गंदे पानी को ट्रीटमेंट कर साफ किया जाएगा। इसके बाद ही उसे नदी में छोड़ा जाएगा। लेकिन लाखों रुपए एक प्लांट में खर्च करने के बाद एसटीपी भगवान भरोसे हो गए। अब सवाल यह उठता है कि इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को किसका इंतजार है। जबकि बनाए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कैपासिटी 11.5 एमएलडी है। इसके बावजूद गंदा पानी ही हरमू नदी में बहाया जा रहा है।

कहां-कहां बनाए गए थे एसटीपी

-हरमू मुक्ति धाम के समीप

-आस्था चाइल्ड केयर एंड हॉस्पिटल के समीप

-होटल रैडिशन ब्लू के समीप 2 एसटीपी

-अमरावती कॉलोनी में 2 एसटीपी