रांची(ब्यूरो)। मोरहाबादी मैदान करीब दो महीने से बंद दुकानों को शिफ्ट करने की कार्रवाई बुधवार को शुरू होते ही हंगामा भी शुरू हो गया। दिन भर नगर निगम के इन्फोर्समेंट टीम और दुकानों के साथ बकझक होती रही। शाम होते-होते हाथापाई की नौबत आ गई। भारी हो हंगामे के बीच शिबू सोरेन आवास के पास बंद पड़ी दुकानों को क्रेन से हटा दिया गया। सभी दुकानों को एक-एक कर रजिस्ट्री ऑफिस के पास डंप कर दिया गया। इससे नाराज दुकानदारों ने विरोध में जमकर नारेबाजी की। दुकानदारों की मांग थी कि पहले उन्हें प्रोपर स्पेस दिया जाए, तब दुकानों को हटाकर दूसरी जगह रखने की कार्रवाई की जाए। निगम की टीम इस पर राजी नहीं थी। उनका कहना था कि दुकानों को शिफ्ट कर दिया जा रहा है। अब जहां दुकान रखे गए हैैं, वहीं पर दुकानदार अपनी दुकानें खोलें।

अध्यक्ष को मिली धमकी

मोरहाबादी दुकानदार संघ के अध्यक्ष कुमार रोशन को निगम की इन्फोर्समेंट टीम की ओर से कथित तौर पर धमकी दिए जाने के बाद दुकानदारों का आक्रोश बढ़ गया। उनकी कहना था कि निगम की टीम हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रही है। जो लोग आदेश के मुताबिक निगम से कार्रवाई की मांग कर रहे हैैं, उन्हें केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। उनका कहना था कि पहले जगह दी जाए, उसके बाद दुकानों को डंप किया जाए। मछली बाजार की तरह दुकानों को एक जगह डंप करने की कार्रवाई का विरोध किया गया।

तोड़-फोड़ का भी आरोप

दुकानदारों का कहना है कि प्रशासन के गलत फैसले का मोराबादी के फुटपाथ दुकानदारों पर अब नई विपत्ति आ गई है। रजिस्ट्री ऑफिस के समक्ष लगे दुकानों में भारी तोडफ़ोड़ की गई है। असामाजिक तत्वों द्वारा सभी दुकानों को उलट दिया गया है एवं किसी भारी चीज से मारकर सभी दुकानों में भारी तोडफ़ोड़ की गई है। दो दिन पहले ही ऐसी स्थिति हुई थी। यह क्रम लगातार जारी है। मोरहाबादी दुकानदार संघ के अध्यक्ष कुमार रोशन ने इससे प्रशासनिक विफलता करार देते हुए मांग की है कि दोषी असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर सख्त से सख्त कार्रवाई हो और सरकार ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोके।

क्यों हुआ हंगामा

मोरहाबादी में नगर निगम के द्वारा चिन्हित जगह दुकानों से भर जाने के बाद दुकानदारों ने और जगह देने की बात कही थी। इस मांग को अनसुना कर दिया गया और निगम की टीम जबरन सभी दुकानों को रजिस्ट्री ऑफिस के पास गिराने लगी। सिटी मैनेजर अंबुज कुमार ने कहा कि सभी 289 दुकानें रजिस्ट्री ऑफिस के पास गिरेंगी। दुकानदारों ने और जगह देने की बात कही। लेकिन नगर निगम की टीम जबरन दुकानें गिराने लगी। इस दौरान कई दुकानें टूट गईं, जिसका दुकानदारों ने विरोध किया।