रांची(ब्यूरो)। वोटर आईडी कार्ड हर व्यक्ति के खुद की पहचान होता है। वोट देने के अलावा किसी डॉक्यूमेंटेशन के काम में वोटर आई कार्ड का बहुत ज्यादा महत्व है। अधिकतर चुनाव के समय ही वोटर आई कार्ड बनने का काम शुरू होता है। 18 साल या उससे अधिक के युवा अपना पहचान पत्र बनवाने के लिए अप्लाई करते हैं। कुछ लोग इसमें सुधार के लिए भी आवेदन देते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो फार्म में गलत एड्रेस डाल देते हैं या फिर अपना मकान बदलकर दूसरी जगह शिफ्ट हो जाते हैं, जिस वजह से उनका मतदाता पहचान पत्र उन्हें नहीं मिल पाता। ऐसे ही करीब छह हजार मतदाता हैं जिन तक उनका वोटर आई कार्ड पहुंचा ही नहीं। आवेदन में दिए गए पते पर वोटर आई कार्ड भेजा तो गया लेकिन पते पर संबंधित लोगों के नहीं मिलने के कारण कार्ड वापस आ गया।

41 रुपए खर्च कर भेजा कार्ड

नया मतदाता पहचान पत्र बनाने, आई कार्ड गुम हो जाने, फट जाने या सुधार कराने के लिए करीब डेढ़ लाख लोगों ने आवेदन दिया था। इन आई कार्ड को स्पीड पोस्ट की मदद से दिए गए पते पर जिला निर्वाचन विभाग की ओर से भेजा गया था। इनमें छह हजार वोटर कार्ड पता नहीं मिलने के कारण वापस आ गए। वापस आने वाले कार्ड में रांची, तमाड़, सिल्ली, खिजरी, मांडर, कांके और हटिया विधानसभा क्षेत्र के वोटर्स शामिल हैं। एक कार्ड भेजने में करीब 41 रुपए खर्च होते हैं। इन कार्ड को स्पीड पोस्ट से भिजवाने में करीब एक करोड़ रुपए खर्च किए गए, जिसमे लगभग ढाई लाख रुपए सिर्फ इसलिए बेकार हो गए क्योंकि कार्ड अपने पते तक पहुंच ही नहीं सका। न ही उनलोगों की पहचान मिली जिन्होंने अलग-अलग काम से इसे अप्लाई किया था। ऐसे लोग वोट देने के अपने अधिकार से भी वंचित रह जाएंगे। जिला निर्वाचन कार्यालय के पदाधिकारियों का कहना है कि आवेदन में गलत नाम व पता आदि देने के कारण ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हुई है। वोटरों को वोटर आईडी कार्ड उनके पते पर भेजा गया। मगर किसी में नाम-पता गलत रहने तो किसी में एड्रेस बदल जाने के कारण वोटर आईडी कार्ड वापस जिला उपनिर्वाचन कार्यालय में आ गया है।

फ्री बनता है डुप्लीकेट आई कार्ड

कार्ड में किसी तरह की गलती होने पर उसमें सुधार कराने के लिए डुप्लीकेट कार्ड बनाने के लिए आवेदन करना होता है। यह पूरी तरह से नि:शुल्क होता है। पहले इसके लिए 25 रुपए का चार्ज देना पड़ता था। मगर अब इसके लिए कोई भी शुल्क नहीं लगता। यदि किसी वोटर का कार्ड गुम हो जाए, फट जाए या उसमें कोई गलती हो तो ऑनलाइन आवेदन कर दूसरा कार्ड प्राप्त किया जा सकता है। दोबारा आईडी कार्ड प्राप्त करने के लिए नेशनल वोटर सर्विस के पोर्टल पर आवेदन करना होता है। पोर्टल पर उपलब्ध फॉर्म-001 भर कर सब्मिट करना होता है। पहले बीएलओ की मदद से कार्ड उनके पते तक पहुंचाए जाते थे। लेकिन अब स्पीड पोस्ट की मदद से कार्ड भेजने की व्यवस्था शुरू की गई है। जिसमें अलग-अलग परेशानियां आ रही हैं। कार्ड वापस आने पर वोटर अपनी शिकायत कहां करे, यह भी उन्हें जानकारी नहीं होती। पहले बीएलओ के पास जाकर पूछताछ कर सकते थे।

रांची विस क्षेत्र में लौटे सबसे ज्यादा कार्ड

रांची जिला के सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में गलत नाम-पता या एड्रेस चेंज हो जाने के कारण वोटर आईडी कार्ड वापस उपनिर्वाचन कार्यालय में लौटे हैं। सबसे ज्यादा रांची विधानसभा क्षेत्र का कार्ड है। रांची से तीन हजार कार्ड वापस लौट आए। वहीं दूसरे नंबर पर हटिया और तीसरे नंबर पर कांके विधानसभा क्षेत्र है। शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण इलाकों में यह समस्या कम है। तमाड़ विस क्षेत्र में महज 5 तो सिल्ली से सिर्फ 12 कार्ड ही वापस लौटे हैं। उप निर्वाचन कार्यालय के एक पदाधिकारी ने बताया कि कुछ लोग शरारत भी करते हैं। वे लोग जानबूझ कर गलत नाम और पता डालते हैं, जिस कारण कार्ड पते तक पहुंच ही नहीं पाता। इससे सरकारी खजाने का दुरुपयोग भी होता है।

कहां, कितने वोटर कार्ड लौटे वापस

विस क्षेत्र कार्ड की संख्या

रांची 3000

हटिया 1165

कांके 796

खिजरी 436

मांडर 66

सिल्ली 12

तमाड़ 05