रांची (ब्यूरो): प्लास्टिक के स्थान पर किस चीज का प्रयोग करें जो बजट में हो और जिससे पर्यावरण एवं इंसान की सेहत पर बुरा असर भी नहीं पड़ता हो।

क्या हैं ऑप्शन

इसके ऑप्शन पर कोई चर्चा भी नहीं हो रही है। हालांकि, प्राकृतिक सामानों का प्रयोग कर एवं सुगर से बने प्लेट और ग्लास मार्केट में जरूर दिख रहे हैं। लेकिन इसकी कीमत ज्यादा होने से लोग इसे खरीदना नहीं चाह रहे। दुकानदारों का कहना है कि प्लास्टिक प्रोडक्ट्स की तुलना में सुगर से बने प्रोडक्ट्स करीब चार गुणा महंगे हैं। छोटे-दुकानदार भी इसे लेना नहीं चाह रहे, क्योंकि इसमें खर्च ज्यादा पड़ रहा है। दुकानदारों को बचत नहीं हो पा रही है।

क्या है सुगर प्लेेट

गन्ना को गलाकर बनने वाले प्लेट और चम्मच मार्केट में अवेलेबल हैं। इनसे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं है। ये ग्लास और प्लेट आसानी से डिस्पोज हो जाते हैं। एक जुलाई से प्लास्टिक से बनने वाले बैग, चम्मच, प्लेट समेत 19 प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध लग गया है। इस बैन के बाद अब जरूरत है इसके विकल्प पर बात करने की, जिससे न तो किसी को परेशानी हो और पर्यावरण भी स्वच्छ रहे। प्राकृतिक पदार्थों का इस्तेमाल कर कई प्रोडक्ट्स बनाए जा रहे हैं, जो प्लास्टिक के विकल्प हो सकते हैं। इनकी कीमत एक से 100 रुपए के बीच है। ऐसे ही कुछ उत्पादों की बात करते हैं, जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक से बने प्रोडक्ट्स की जगह किया जा सकता है।

चम्मच का विकल्प

प्लास्टिक का चम्मच जिसे बनाने में पॉलीस्टाइरिन इस्तेमाल किया जाता है। इसकी जगह पर कार्क पेड की छाल से बनी चम्मच का प्रयोग आसानी से किया जा सकता है। इसकी कीमत एक से पांच रुपए के बीच है।

स्ट्रॉ

प्लास्टिक के स्ट्रॉ के स्थान पर पेपर को गलाकर बनाने वाले स्ट्रॉ का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी कीमत एक से तीन रुपए है। इसका इस्तेमाल एक बार ही किया जा सकता है।

प्लास्टिक फ्लैग

वर्तमान में झंडों में लगी डंडी के लिए प्लास्टिक का प्रयोग होता है। लेकिन इसके स्थान पर बांस से बनी पतली डंडियों का विकल्प मौजूद है, जिसकी कीमत भी कम है।

ग्लास

मौजूदा समय में प्लास्टिक के कप का इस्तेमाल होता है। जबकि बांस या कागज से ग्लास का निर्माण हो सकता है। यह टिकाऊ और सुरक्षित भी है।

प्लेट

प्लेट के निर्माण में थर्मोकोल का इस्तेमाल किया जाता है। यह पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है। सुपारी के पेड़ से निकली छाल से प्लेट का निर्माण किया जा सकता है। इसकी कीमत 4 रुपए से 50 रुपए के बीच है।

बैनर

बैनर बनाने के लिए पॉली विनाइल क्लोराइड का इस्तेमाल किया जाता है। यह हानिकारक है। इसके स्थान पर भुट्टे के स्टार्च व पॉली लैक्टिक अम्ल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

कैरी बैग

कैरी बैग के विकल्प के रूप में सिर्फ थैला ही है। कपड़ा या जूट से बने थैले का प्रयोग किया जा सकता है। घर से निकलने से पहले थैला लेकर निकलना जरूरी है। मार्केट में थैले की कीमत दस रुपए से शुरू है। वहीं बांस और लकड़ी से बने कई उत्पाद हैं जो प्लास्टिक के स्थान पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं। पेड़ के पत्तों से बने पत्तल और दोना भी प्लेट-कटोरी की जगह उपयोग में लाए जा सकते हैं।

प्लास्टिक पर बैन लगने का विरोध नहीं कर रहा। लेकिन इसका सही विकल्प भी तो देना चाहिए। जो प्लास्टिक के बजट में ही आ जाए। महंगा होने के कारण लोग खरीदना नहीं चाहते।

- कमल अग्रवाल

प्लास्टिक पर बैन से ज्यादा जरूरी है इसके री-साइक्लिंग पर ध्यान दिया जाए। सिंगल यूज प्लास्टिक को री-साइक्लिंग कर पेवर्स ब्लॉक और दूसरे सामान बनाए जा सकते हैं।

- नवरत्न शर्मा