रांची (ब्यूरो)। रिम्स में इलाज कराने आने वाले मरीजों को टेस्ट के लिए इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि हेल्थ मैप द्वारा मरीजों की जांच बंद कर दी गई है। रिम्स में पीपीपी मोड पर काम कर रही हेल्थमैप एजेंसी ने हॉस्पिटल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों का फ्री टेस्ट करना बंद कर दिया है। रिम्स प्रबंधन ने हेल्थमैप एजेंसी को टेस्ट करने के बाद भी 4 करोड़ रुपए बकाया नहीं दिया है, जिससे कि एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड के अलावा अन्य टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं। इस चक्कर में मरीजों को रिम्स में लंबी वेटिंग मिल रही है। वहीं, प्राइवेट में टेस्ट कराने में उन्हें काफी पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, मरीजों को टेस्ट कराने में परेशानी हो रही है, सो अलग।

टेस्ट के लिए इंतजार

रिम्स में लगभग चार साल के बाद सीटी स्कैन मशीन आ गई है। न्यू ट्रामा सेंटर में मशीन इंस्टॉल करके इसे मरीजों के लिए चालू भी कर दिया गया है। आज वहां पर मशीन 24 घंटे चालू रहती है, लेकिन मरीजों की वेटिंग लिस्ट लंबी होती जा रही है, जिससे कि फ्री में टेस्ट कराने के लिए उन्हें काफी इंतजार करना पड़ता है।

रिम्स पर बढ़ गया बोझ

हॉस्पिटल में इमरजेंसी के अलावा अन्य विभागों में भी मरीज आते हैं। जिन्हें सीटी स्कैन और एमआरआई कराने की सलाह दी जाती है। इनमें कई मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें फ्री में टेस्ट कराने की सुविधा प्रबंधन की ओर से दी जा रही है। इसके लिए उन्हें अधिकारियों से अनुशंसा कराने के बाद जाकर रिम्स या हेल्थमैप में टेस्ट फ्री में करा सकते थे। लेकिन हेल्थमैप में यह सुविधा बंद कर दी गई है, जिससे कि रिम्स पर बोझ बढ़ गया है और मरीजों के पास इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं है।

2016 में हेल्थ मैप सेंटर शुरू

2016 से रिम्स में मणिपाल हेल्थ इंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा हेल्थ मैप जांच सेंटर की शुरुआत की गई। यहां 6 तरह की जांच की जाती है। इसमें सिटी स्कैन, एमआरआई, इको, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी और एक्सरे की जांच की जाती है। दूसरे जांच सेंटर पर शुल्क बहुत अधिक है। वहीं, यहां न्यूनतम दर पर मरीजों की जांच हो जाती है। रिपोर्ट भी जल्द उपलब्ध करा दी जाती है।

मुफ्त होती है जांच

रिम्स में अधिकतर मरीज गरीब तबके के होते हैं। ऐसे में रिम्स प्रबंधन द्वारा बीपीएल कार्डधारी मरीजों की जांच फ्री होती है। जबकि पुलिस केस वाले मामले में भी फ्री जांच की जाती है। यह जांच हेल्थ मैप में होती है। इसी जांच की राशि का भुगतान रिम्स प्रबंधन द्वारा नहीं हो रहा है।