RANCHI: कश्मीर के पंपोर में आतंकी हमले में शहीद धनबाद के जांबाज शशिकांत पांडेय(ख्क् वर्ष) का सोमवार को झरिया धनबाद में अंतिम संस्कार किया गया। इससे पूर्व पार्थिव शरीर झरिया स्थित उनके घर पहुंचा। परिजनों के साथ पूरे इलाके के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनकी अंतिम यात्रा में काफी भीड़ उमड़ पड़ी। दोपहर दामोदर नदी के मोहलबनी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। रामगढ़ से सिख रेजीमेंट के पांच दर्जन अफसर व जवान जोड़ापोखर पहुंचे थे। शहीद शशिकांत का परिवार मूल रूप से मोतिहारी बिहार का रहने वाले है। काफी समय से पूरा परिवार धनबाद के झरिया में रह रहा है। पिता राजेश्वर पांडेय ने कहा-बेटे की शहादत पर गर्व है, लेकिन सरकार को ठोस फैसला लेना चाहिए।

सुबह नामकुम में गवर्नर ने दी श्रद्धांजलि

इससे पूर्व रांची स्थित नामकुम आर्मी कैंप में सोमवार की सुबह 7.फ्0 बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पार्थिव शरीर धनबाद के जोड़ापोखर थाना क्षेत्र के जियलगोरा पोस्ट ऑफिस के समीप स्थित घर ले जाया गया। इधर, शशिकांत के शहीद होने की सूचना मिलते ही धनबाद स्थित उनके घर में रात से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। सर्द हवाओं के बावजूद गली-चौराहों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। उनमें पाकिस्तान के प्रति आक्रोश था। वे कभी भारत माता की जय, शहीद शशिकांत अमर रहें, तो कभी पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। बताते चलें कि यह आतंकी हमला पंपोर में किया गया था, जिसमें फ् जवान शहीद हुए थे। उनमें एक शशिकांत पांडेय भी शामिल थे।

बोले पिता, बेटे की शहादत पर गर्व

पिता राजेश्वर पांडेय ने कहा कि शशिकांत से शनिवार दोपहर तीन बजे उनकी अंतिम बार बातचीत हुई थी। कहा था-मैं ठीक हूं, अपना ख्याल रखना। मेरे लाल ने देश की रक्षा में अपनी जान दे दी। मुझे बेटे की शहादत पर गर्व है। उसने मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। लेकिन सरकार को कोई ठोस कदम उठाना होगा, ताकि आतंकवाद का जड़ से खात्मा हो और किसी मां की गोद सूनी न हो।