रांची (ब्यूरो) । हार्ट ऑफ सिटी में स्थित बड़ा तालाब की सेहत फिर बिगडऩे लगी है। इस तालाब से दुर्गंध आने लगी है। साथ ही पानी भी हरा हो गया है। पानी के ऊपर ही काई जमने लगा है। तालाब के पास से गुजरने वाले लोग नाक पर रूमाल रखकर चलने को विवश हैं। लेकिन जिम्मेवार विभाग को इससे कोई मतलब नहीं है। तालाब का पानी एकबार फिर से हरा हो गया है, जिससे दुर्गंध आने लगी है और वहां के स्थानीय लोग और उस रास्ते से गुजरने वाले लोगों को पानी की दुर्गंध से काफी परेशानी हो रही है। इससे समझा जा सकता है कि कैसे तालाब के ब्यूटीफिकेशन के नाम पर नगर विकास से लेकर नगर निगम ने आईवॉश करने का काम किया है।

पार्क बनाया पर जाना है मना

बड़ा तालाब के ब्यूटीफिकेशन के नाम पर करोड़ो रुपए पानी में बहा दिए गए। लेकिन इसका सौंदर्यीकरण तो दूर पानी भी साफ रखने में नगर निगम फेल साबित हुआ है। पानी के चारों ओर पाथ वे तो बना दिया गया है। लेकिन पानी साफ दिखे, इसका पानी बदबूदार न हो इसपर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। तालाब के बीचोबीच स्वामी विवेकानंद की आदमकद प्रतिमा भी स्थापित की गई। लोगों के घूमने के लिए एक पार्क बनाया गया है, लेकिन लोगों का अंदर जाना ही मना है।

आसपास के लोगों की बढ़ी मुश्किलें

बड़ा तालाब को टूरिस्ट प्लेस के रूप में डेवलप करने की योजना थी। इस पर करोड़ो रुपए खर्च भी हुए। लेकिन कोई खास सुधार नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी की दुर्गंध से हम लोग काफी परेशान हैं, लेकिन अब तक नगर निगम की टीम पानी साफ करने नहीं पहुंची है। हर साल बड़ा तालाब में जलकुम्भी फैल जाती है और सेवा सदन हॉस्पिटल का गंदा पानी भी इसी तालाब में आकर मिल जाता है। इस गंदे पानी से सेहत पर भी असर पड़ रहा है। पहले कुछ लोग यहां शाम में वक्त गुजारने भी आते थे। लेकिन अब तो बदबू के कारण यहां लोगों ने आना बंद कर दिया है। एक तरफ रांची नगर निगम बड़ा तालाब को चंडीगढ़ की सुकना लेक की तर्ज पर टूरिस्ट स्पॉट बनाने का सपना राजधानी वासियों को दिखाता है, वहीं दूसरी ओर तालाब का पानी प्रदूषित होने से भी नहीं रोक पा रहा है।

ब्यूटीफिकेशन पर 16 करोड़ खर्च

बड़ा तालाब ब्यूटीफिकेशन के नाम पर नगर विकास विभाग ने करीब 16 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। इस रुपए से सिर्फ पाथ-वे, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा और कुछ बहुत काम हुए हैं। तालाब के चारों ओर स्ट्रीट लाइट लगनी था, वह भी नहीं लगी। जो लगी थी वह भी टूटने लगी है। गौरतलब हो कि इस तालाब में बोटिंग भी शुरू कराने की योजना थी, यदि बोटिंग शुरू होती भी है तो तालाब की स्थिति और इसके बदबूदार पानी की वजह से यहां कोई आना पसंद नहीं करेगा। तालाब की सफाई और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए आठ करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। इस राशि से तालाब में आसपास के नालों से आने वाले पानी को ट्रीटमेंट करके तालाब में छोडऩे की योजना थी। लेकिन आजतक न तो ट्रीटमेंट प्लांट बना और न ही नाले का पानी तालाब में जाने से रोका जा सका है। हालांकि, सेवा सदन हॉस्पिटल के सामने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य जारी है। लेकिन, यह कब पूरा होगा इसका जवाब नगर निगम के पास भी नहीं है।

एसटीपी का काम चल रहा है। काम जल्द खत्म करने का आदेश दिया गया है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद तालाब का पानी भी स्वच्छ हो जाएगा। पानी सफाई के लिए फिलहाल इंजीनियर्स को जिम्मेवारी दी गई है।

-शशि रंजन, नगर आयुक्त, रांची