रांची (ब्यूरो) । शब्दकार मंच के तत्वावधान में लेखिका कविता रानी ङ्क्षसह का प्रथम कहानी संग्रह 'रिश्तेÓ का लोकार्पण हुआ। विमोचन समारोह की अध्यक्षता डॉ अशोक प्रियदर्शी ने की। नए कहानीकारों के संदर्भ में तरह-तरह के प्रसंगों का वर्णन किया एवं उन्हें दिशा दिखाई। विशिष्ट अतिथि एवं देश के प्रसिद्ध कथाकार पंकज मित्र ने भी संग्रह के बहाने कथा के व्यापक फलक का सांगोपांग वर्णन करते हुए विविध कथानकों पर व्यापक चर्चा की और पूरे संग्रह की बहुत ही च्'छी व सारगर्भित समीक्षा की।

बेहतरीन कहानियां

प्रसिद्ध कथाकार अनीता रश्मि ने कहा कि इस कथा संग्रह की सारी कहानियां प्रेम से पगी हुई कहानियां हैं और यह कि हम चाहते तो प्रेम हैं, लेकिन हम प्रेम से प्रेम नहीं करते, नफरत से प्रेम करते हैं। उन्होंने लफंगे कहानी को एक बड़ी कहानी बताया और बेला वाटिका को लोककथा का रूप लेती हुई एक च्'छी कहानी की संज्ञा दी। इसे उन्होंने अविश्वसनीय स्थिति के बावजूद एक च्'छे स्तर की प्रेम कथा बताया।

संग्रह का हुआ पाठ

डाक्टर सुङ्क्षरदर कौर नीलम ने इन्हें नारी विमर्श की कहानी, नारी के जूझने की कहानी बताया। वीना श्रीवास्तव ने संग्रह के विभिन्न पक्षों पर बात करते हुए कथा के व्यापक स्वरूप की चर्चा करते हुए संग्रह के कुछ हिस्सों का पाठ किया और उस पर बातें की। कविता रानी ने अपनी कहानियों के विभिन्न पहलुओं पर बात की। राजीव थेपड़ा ने संचालन किया। स्वागत संगीता कुजारा टॉक ने किया।

इनकी भी रही मौजूदगी

शब्दकार के अन्य सदस्यों में नंदा पांडे एवं रश्मि शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में राकेश रमण, विजय राजगढिय़ा, कामेश्वर कामेश, रश्मि ङ्क्षसह, अनुराधा अनु, ऋतुराज वर्षा,रजनी शर्मा चंदा, विभा शर्मा, खुशबू बरनवाल सीपी, ङ्क्षबदु रिद्धिमा,संध्या चौधरी, रेखा जैन, अर्पणा ङ्क्षसह, संगीता अनुभूति, रंगोली सिन्हा, रेणुबाला धार, प्रतिभा ङ्क्षसह, मीना बंधन, शालिनी नायक, सुनीता अग्रवाल, सुमिता सिन्हा, सूरज श्रीवास्तव,रेणु झा रेणुका, मीरा,विम्मी, डा। साक्षी शर्मा,नीरज वर्मा, मंजू ङ्क्षसह इत्यादि के अलावा शहर के अन्य बहुत सारे गणमान्य साहित्यकार लेखक उपस्थित थे।