रांची (ब्यूरो) । गर्मी के मौसम में हर बार राजधानी रांची के अलग-अलग इलाकों में पानी की विकट समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसके बावजूद लोगों में पानी बचाने को लेकर कोई गंभीरता नजर नहीं आती। पानी को लेकर लोग कितने संजीदा हैं यह वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थिति देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। बार-बार लोगों को अवेयर करने के बाद भी नगर निगम महज 12 परसेंट भवनों में ही हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने में सफल हो सका है। वर्षा के पानी को स्टोर करने में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम काफी कारगर साबित होता है। फिर भी लोग इसे बनवाने के प्रति गंभीर नहीं हैं, जिसका खामियाजा हर साल गर्मी के मौसम में लोगों को उठाना पड़ता है। इस बार भी पानी की किल्लत शुरू हो चुकी है। ग्राउंड वाटर लेवल लगातार नीचे जा रहा है, जिससे बोरिंग और कुओं के सूखने की नौबत आ गई है।

बहुत कम रेन वाटर हार्वेस्टिंग

रांची नगर निगम क्षेत्र में करीब 2.40 लाख हाउसहोल्ड्स हैं। इनमें महज 21 हजार भवनों में ही वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम बनाया गया है। करीब 12 परसेंट लोगों ने बारिश के पानी को संरक्षित करने का उपाय किया है। 88 परसेंट लोगों ने इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है। फिर गर्मी के मौसम में भला पानी की किल्लत कैसे नहीं होगी। यदि शत-प्रतिशत घरों में हार्वेस्टिंग सिस्टम बना लिया जाता तो पानी के संकट से काफी हद तक निजात मिल सकती थी। इसके जानकार भी बताते हैं कि हार्वेस्टिंग सिस्टम बारिश के पानी को रोक कर रखता है, जिससे ग्राउंड वाटर रिचार्ज होने पर लेवल ठीक बना रहता है।

सिर्फ पेनाल्टी पर फोकस

राजधानी में पानी का लेवल लगातार डाउन हो रहा है। कई इलाकों में पानी की किल्लत होने भी लगी है। पानी की किल्लत को देखते हुए ही नगर निगम ने 300 या इससे अधिक स्क्वायर मीटर में बने भवनों को कैंपस में हर हाल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाने का निर्देश दिया था। ऐसा नहीं करने वालों से पेनाल्टी भी ली गई। निगम सिर्फ पेनाल्टी की वसूली में ही जुटा रह गया। हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाने की ओर ध्यान ही नहीं दिया गया। सिर्फ प्राइवेट ही नहीं, बल्कि 50 परसेंट सरकारी भवनों में भी अब तक इस सिस्टम को लागू नहीं किया गया है।

कम्युनिटी रेन वाटर हार्वेस्टिंग भी नहीं

शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने में लोगों का इंटरेस्ट नहीं होने को देखते हुए नगर निगम ने हर वार्ड में इसे बनवाने का निर्णय लिया गया था। दो साल पहले निगम ने हर वार्ड में चार कम्युनिटी रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनवाने का निर्णय लिया था। लेकिन दुर्भाग्य है कि किसी भी वार्ड में एक भी कम्युनिटी रेन वाटर हार्वेस्टिंग अबतक नहीं बना। साल 2016 में ही भीषण जलसकंट होने के बाद राजधानी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया गया था। छह साल में सिर्फ 12 परसेंट भवनों में ही यह बन सका। रांची के दर्जनों इलाके ड्राई जोन में आ चुके हैं। आने वाले दिनों में इन इलाकों के लोगों को वाटर टैंकर या सप्लाई पानी पर ही आश्रित रहना होगा।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए लोगों को अवेयर किया गया है। नहीं बनवाने पर पेनाल्टी भी लगाई गई। इसके बावजूद कम लोगों ने ही इसपर गंभीरता दिखाई है। एक बार फिर से अभियान चला कर लोगों को अवेयर किया जाएगा।

-डॉ आशा लकड़ा, मेयर, आरएमसी