रांची (ब्यूरो) । जमीन घोटाले में ईडी ने शुक्रवार को फर्जी रैयत प्रदीप बागची, राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद सहित सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। देश में ऐसा पहली बार है, जब भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में एक साथ ईडी ने इतने लोगों की गिरफ्तारी की है। सभी आरोपितों को ईडी की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया गया, जहां से इन्हें न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया है। अब सोमवार को इन सभी आरोपितों की रिमांड पर सुनवाई होगी, इसके बाद एक-एक कर ईडी सबको रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
तीन राज्यों में छापा
सभी आरोपितों की गिरफ्तारी रांची के पूर्व डीसी आईएएस छवि रंजन व उनके सहयोगियों से जुड़े 22 ठिकानों पर चली छापेमारी के दौरान की गई है। यह छापेमारी झारखंड, बिहार व बंगाल से जुड़े ठिकानों पर हुई है। इस दौरान जमीन से जुड़े फर्जी कागजात, जमीन के डीड, स्टांप आदि की बरामदगी हुई है। ईडी ने रांची के बरियातू थाने में चार जून 2022 को दर्ज कांड संख्या 141/2022 के आधार पर 21 अक्टूबर 2022 को ईसीआइआर 18/2022 दर्ज की थी। पूरा मामला प्रदीप बागची के विरुद्ध जालसाजी से संबंधित है।
इनकी हुई गिरफ्तारी
1. अफसर अली उर्फ अफ्सू खान : मिल्लत कालोनी, संगम लेडीज टेलर के समीप, बरियातू रांची।
2. इम्तियाज अहमद : माशूक मंजिल, मनी टोला, डोरंडा, रांची।
3. प्रदीप बागची : उद्यांचल टावर, टीपी रोड, ऊषा ग्राम, आसनसोल, जिला वद्र्धवान, बंगाल।
4. मोहम्मद सद्दाम हुसैन : फस्र्ट मार्क स्कूल रोड,च्लक्ष्मी क'छप के आवास के समीप, बडग़ाईं, रांची।
5. तल्हा खान : हिल व्यू रोड, राहत नर्सिंग होम के समीप, बरियातू, रांची।
6. भानु प्रताप प्रसाद : झूलन ङ्क्षसह चौक, सिमडेगा, रांची।
7. फैयाज खान : बरियातू बस्ती, मिल्लत कालोनी, रांची।

फर्जी तरीके से बिक्री
ईडी के अनुसंधान में अब तक यह बात सामने आई हैं कि प्रदीप बागची ने मोरहाबादी मौजा के वार्ड नंबर 21/19 में 455 डिसमिल जमीन के लिए फर्जी दस्तावेज व होङ्क्षल्डग नंबर बनवाया था। जांच में इस बात की भी पुष्टि हुई थी कि यह संपत्ति स्वर्गीय बीएम लक्ष्मण राव से संबंधित है, जिन्होंने सेना को उक्त जमीन दी थी। तब से ही यह जमीन स्वतंत्रता के वक्त से ही सेना के कब्जे में है। इसके बावजूद प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी कागजात बनवाकर उक्त जमीन को मेसर्स जगतबंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को बेच दी थी।

20 करोड़ की जमीन सात करोड़ में बेची
ईडी ने कोर्ट को दिए अपने कस्टडी आवेदन में बताया है कि सेना के कब्जे वाली उक्त जमीन की सरकारी कीमत 20 करोड़ 75 लाख, 84 हजार 200 रुपए थी, लेकिन प्रदीप बागची ने उसे केवल सात करोड़ रुपए में बेच दी थी। इस सात करोड़ रुपए में केवल 25 लाख रुपए ही प्रदीप बागची के खाते में भुगतान किए गए थे। शेष राशि फर्जी तरीके से विभिन्न चेक व डीडी के द्वारा मेसर्स जगतबंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से भुगतान दिखाया गया है।