रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में बीते दो साल से ट्रैफिक एसपी का पद खाली है। सिटी एसपी नौशाद आलम को ट्रैफिक एसपी का प्रभार संभाल रहे हैं, जो खुद मूल रूप से एसपी रूरल हैैं, लेकिन प्रभार में सिटी एसपी की भूमिका निभा रहे हैैं। लेकिन उनके आदेश का कितना पालन हो रहा है, यह रांची के चौक-चौराहों की स्थिति देख सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। प्रभारी ट्रैफिक एसपी ने सभी बसों को सिटी के आउटर रोड में चलने का आदेश जारी किया है।
कोई आदेश मानता ही नहीं
खास कर रातू रोड से पिस्का मोड़ तक मिनी बस चलने के लिए अलग रूट जारी किया है। लेकिन, एक भी बस ड्राइवर उनके आदेश को नहीं मान रहे हैं। अब भी खुलेआम बस ड्राइवर इसी सड़क पर पैसेंजर बिठा रहे हैं। दरअसल रातू रोड में निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड को देखते हुए मिनी बसों के लिए अलग रूट चार्ट जारी किया गया था। हालांकि, बस चालक इसका पालन करते नहीं दिख रहे। बस चालकों के सामने प्रशासन और आम पब्लिक सभी बेबस नजर आ रहे हैं।
एक रूट में 80 मीनी बसें
मीनी बस की वजह से पिस्का मोड़ से कचहरी चौक तक जाम की स्थिति बनी रहती है। किशोरी सिंह यादव चौक के समीप बस जैसे-तैसे सड़क पर खड़ी कर दी जा रही है। इस कारण दूसरे लोगों को परेशानी होती है। बसों के साथ-साथ ऑटो चालक की मनमानी भी आम लोगों की सहज दिनचर्या पर भारी पड़ रही है। करीब 80 मीनी बसें हर दिन रूरल एरिया से राजधानी आती हैैं। किशोरी सिंह यादव चौके पर बस चालकों का स्टॉपेज रहता है। इसी चौराहे पर ये लोग सवारी बिठाने और उतारने का काम करते हंै। इस कारण सड़क पर लंबा जाम लग जाता है। सभी बसें मांडर, इटकी, बेड़ो से आती हैैं। इन बसों के लिए पिस्का मोड़ से आगे आईटीआई बस स्टैंड पर स्टॉपेज बनाया गया है। लेकिन, बस चालक इसका पालन नहीं कर रहे हंै।
दस फीट का रास्ता
रातू रोड में एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां सड़क पर पिलर पाइलिंग का काम चल रहा है। इस वजह से सड़क पर आने-जाने की जगह काफी कम रह गई है। सिर्फ 10 फीट की जगह से वाहनों का किसी तरह आना-जाना हो रहा है। इसी स्थान से होकर बाइक, कार ऑटो और मीनी बसें भी गुजरते है। जिस कारण छोटे से स्थान पर वाहनों का काफी दबाव रहता है। पूरे दिन किशोरी सिंह यादव चौक से लेकर पिस्का मोड़ तक लोगों को जाम की समस्या झेलनी पड़ती है। इसी समस्या से निजात के लिए बसों का रूट डायवर्ट किया गया है। बस चालक यदि निर्धारित रूट पर चलें तो जाम से कुछ हद तक निजात मिलेगी। इसके अलावा ऑटो चालकों के लिए भी कोई दिशा निर्देश जारी किया जा सकता है।
नियमों का पालन नहीं
प्रभारी ट्रैफिक एसपी के आदेश पालन गंभीरता पूर्वक नहीं कराया जा रहा। ट्रैफिक डीएसपी और ट्रैफिक पुलिस कर्मी के आंखों के सामने बस चालक नियम तोड़ रहे है। लेकिन उनपर सख्ती करने के बजाय पुलिस हाथ में हाथ रखे बैठी रहती है। बार-बार शिकायत के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। प्रभारी ट्रैफिक एसपी नौशाद आलम में इस संबंध में ट्रैफिक डीएसपी कपिंदर उरांव का फटकार भी लगाया है। लेकिन इसका भी कोई असर डीएसपी पर होता नजर नहीं आ रहा।
यह था प्लान, हो गया फेल
राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए बसों को शहर के बाहर ही रोके जाने की योजना तैयार की गई थी। इटकी रोड से आने वाली बसों को आईटीआई बस स्टैंड से आगे लिंक रोड में मोड़ दिया जाना था। इन बसों को संत फ्रांसिस स्कूल से होते हुए हरमू रोड निकलने का रास्ता दिया गया था। वहां से हरमू रोड, न्यू मार्केट, रातू रोड, पिस्का मोड़ से होते हुए आईटीआई बस स्टैंड की ओर जाना था। बस स्टैंड के पास ही बसों को रोक दिया जाना था।

क्या कहती है पब्लिक
बसों का रूट डायवर्ट कर दिए जाने से काफी सहूलियत मिलेगी। इस नियम का कड़ाई से पालन कराना चाहिए। रातू रोड में जबतक एलिवेटेड रोड का निर्माण कार्य पूरा नहीं होता है, तबतक नियम में बदलाव जरूरी है।
- सुरेश अग्रवाल

मीनी बस के अलावा ऑटो चालकों पर भी कंट्रोल करने की जरूरत है। रातू रोड से पिस्का मोड़ तक सिर्फ ई-रिक्शा को चलने की अनुमति मिलनी चाहिए। इससे जाम से निजात मिलेगी।
- एसके सिंह