RANCHI: रांची में 40 स्थानों पर नया ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया है। कुछ स्थानों के सिग्नल शुरू कर दिए गए हैं। लेकिन आम लोगों को सुविधा देने के स्थान पर ये सिग्नल लोगों को मुसीबत में डाल रहे हैं। दरअसल, इन सिग्नल्स में तकनीकि खराबी का खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। रेड और ग्रीन सिग्नल काफी जल्दी-जल्दी बदल रहे हैं। ऐसे में ड्राइविंग करने में भी मुसीबत हो रही है। रातू रोड चौक, गाड़ीखाना चौक, सुजाता चौक से लगातार ऐसी शिकायतें आ रही हैं। रातू रोड चौक पर ठीक से काम नहीं करने की वजह से नए ट्रैफिक सिग्नल को फिर से बंद कर दिया गया है। पुराने सिग्नल से ही काम चल रहा है।

चालान कटने का भय

ट्रैफिक सिग्नल रेड रहने पर गाडि़यां रुकी रहती हैं और ग्रीन होने पर जाने का सिग्नल मिल जाता है। जैसे ही ग्रीन लाइट जले और तुरंत रेड हो जाए तो भारी मुसीबत हो जाती है। सिग्नल ग्रीन होते ही लोग जल्दबाजी में निकलते हैं। वहीं तुरंत रेड का सिग्नल जल जाए तो दुर्घटना होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा लोगों को फाइन कटने का भी डर सताता रहता है। सभी चौराहों पर चालान के लिए ऑटोमेटिक सिस्टम कर दिया गया है। रेड सिग्नल के दौरान जेब्रा क्रॉसिंग पार करते ही ऑनलाइन चालान अपने आप कट जाता है। इसकी कॉपी आपके पते पर पहुंच जाएगी। ऐसे में गलती नहीं करने वालों को भी चालान कटने का डर सता रहा है।

एक साल से लिया जा रहा ट्रायल

नए ट्रैफिक सिग्नल को लगे एक साल से भी ज्यादा समय हो चुका है। स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन की ओर से शहर के अलग-अलग लोकेशन पर नए ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं। नए ट्रैफिक सिग्नल को शुरु करने का डेटलाइन भी कई बार फेल हो चुका है। बीते साल भर से इसका ट्रायल लिया जा रहा है। लेकिन अब भी इसकी तकनीकि खराबी खत्म नहीं हुई है। करोड़ों रुपए खर्च कर राजधानी को स्मार्ट बनाने के उद्देश्य से स्मार्ट टै्रफिक सिग्नल लगाया गया है। यह रोड की ट्रैफिक के अनुसार ऑटोमेटिक रेड और ग्रीन सिग्नल देगा। लेकिन इसे अब तक ठीक से शुरु नहीं किया जा सका है। तमाम प्रयासों के बाद भी पुराने सिग्नल ने ही राजधानी की ट्रैफिक को संभाल रखा है।

लोगों ने बताई समस्या

रेड सिग्नल में गाड़ी खड़ी रहती है। ग्रीन होते ही हम लोग चलने लगते हैं। लेकिन, कुछ दूर जाते ही सिग्नल रेड हो जाता है। ऐसे में बीच रोड में गाड़ी रोकनी पड़ती है। इससे भारी मुसीबत होती है।

- सुधीर कुमार

सिग्नल ग्रीन होते ही एक बार आगे बढ़ने पर पीछे लौटना मुश्किल होता है। क्योंकि पीछे वाले लोग भी आगे बढ़ जाते हैं। ऐसे में या तो दुर्घटना या फिर चालान कटने का भय बना रहता है। इस खामी को जल्द खत्म करना चाहिए।

- रमेश सिंह