रांची (ब्यूरो)। झारखंड के सबसे बड़े गवर्नमेंट हॉस्पिटल रिम्स के मरीजों को भी एम्स की तर्ज पर दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कम कीमत पर जेनेरिक से लेकर ब्रांडेड मेडिसीन भी रिम्स में उपलब्ध कराया जाएगा। मंहगाई की मार झेल रहे मरीज और उनके परिजनों के लिए राहत भरी खबर है। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग और रिम्स प्रबंधन ने पहल शुरू कर दी है। एम्स में जिस फार्मेसी द्वारा कम कीमत पर दवा उपलब्ध कराई जाती है, वहीं फार्मेसी अब झारखंड के सबसे बडे हॉस्पिटल रिम्स में भी दवा उपलब्ध करायेगी। जी हां कम कीमत पर दवा उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी अमृत फार्मेसी को सौंपने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में रिम्स प्रबंधन और हेल्थ केयर लिमिटेड बीच एमओयू साइन कर लिया गया है। एक से दो महीने में अमृत फार्मेसी अपना स्टोर रांची स्थित रिम्स में खोलेगा। रिम्स के एंट्रेंस में पहले से संचालित जन औषधि केंद्र के बगल में खोला जाएगा।

दवा के साथ सर्जिकल आईटम भी

रिम्स में न सिर्फ ब्रांडेड दवाएं कम कीमत पर मिलेंगी बल्कि कई सर्जिकल आइटम भी कम कीमत पर मुहैया कराया जाएगा। सर्जिकल आइटम जैसे स्टेंट, इंप्लांट, नी रिप्लेसमेंट और हिप रिप्लेसमेंट जिसमे मोटी राशि खर्च हो जाती है। उसमें भी मरीजों को राहत मिलेगी। रिम्स में इलाज को आने वाले और यहां भर्ती मरीजों को भारी डिस्काउंट पर ये सामान उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार द्वारा निर्धारित दर पर ही मरीजों को दवा और कार्डियक स्टेंट, पेसमेकर, आर्थोपेडिक इंप्लांट, सर्जिकल सामान भी उपलब्ध होगा। गौरतलब हो कि अमृत फार्मेसी स्टोर लाइफ केयर लिमिटेड द्वारा संचालित किया जाता है। रिम्स शासी परिषद से अनुमोदन प्राप्त करने और स्वास्थ्य विभाग से निर्देश के बाद रिम्स प्रबंधन और एचएलएल के बीच करार किया गया है।

ब्रांडेड मेडिसीन में 30 परसेंट छूट

एम्स पटना, देवघर, कल्याणी, भुवनेश्वर, और चंडीगढ़ में पहले से अमृत फार्मेसी स्टोर संचालित हो रहा है। यहां के रिस्पांस को देखते हुए ही रिम्स में ही यह सिस्टम शुरु करने का निर्णय लिया गया है। स्टोर पर ब्रांडेड मेडिसीन में भी 30 परसेंट तक डिस्काउंट दिया जाएगा। वहीं जेनेरिक दवाओं में 70 से 80 प्रतिशत छूट में उपलब्ध होगा। वर्तमान में रिम्स में भर्ती मरीजों को दवा के लिए भारी भरकम राशि खर्च करनी पड़ती है। बार-बार निर्देश के मिलने बाद भी रिम्स के डॉक्टर ब्रांडेड दवा लिखते है। जिसमे 60 परसेंट दवा जन औषधि केंद्र पर नहीं मिल पाता। विवश होकर लोगों को प्राइवेट मेडिकल स्टोर से दवा खरीदना पड़ता है। जहां सौ रुपए की दवा के लिए 300 से 400 रुपए तक देना पड़ता है। इसके अलावा सर्जिकल आईटम मेें भी मरीजों को भारी-भरकम राशि खर्च करनी पड़ जाती है। सरकार द्वारा निर्धारित राशि में दवा और सर्जिकल आईटम उपलब्ध होने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर मरीज और उनके परिजनों पर आर्थिक बोझ कम होगा।

2015 में हुई थी अमृत फार्मेसी की शुरुआत

अमृत फार्मेसी की शुरुआत साल 2015 में एम्स से की गई थी। आज इसके दो सौ से अधिक स्टोर हो चुके हंै। केंद्र की सफलता के बाद अब राजकीय मेडिकल कॉलेजों में भी अमृत फार्मेसी खोलने का निर्णय लिया गया है। इसी निर्णय के तहत रिम्स का भी चयन इसके लिए किया गया है। कोई भी मरीज डॉ का पर्चा लाकर दवा ले सकता है।