रांची (ब्यूरो) । तमाड़ प्रखण्ड अन्तर्गत दिउड़ी मंदिर स्थित स्व। डा। रामदयाल मुण्डा अखड़ा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन पंचपरगना आदिवासी समाज द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों के आदिवासी महिलाओं सहित अतिथियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संचालन कर रही हेमलता देवी ने सबका स्वागत करते हुए कहा कि देश कई मायने में बदल चुका है। दुनिया कहां से कहां तक पहुंच गई है। इस बदलाव में महिलाएं भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन आदिवासी महिलाएं आज भी कई क्षेत्र में पीछे हैं।

जागरूक ता के लिए कार्यक्रम

कार्यक्रम में कहा गया कि आदिवासी महिलाओं को जागरूक करने हेतु कार्यक्रम आयोजित किया गया है। ताकि कार्यक्रम के माध्यम से हम अपना हक और अधिकार, भाषा और संस्कृति, शिक्षा के साथ विकास आदि विषयों को जाने और पहचाने। बतौर अतिथि शामिल लक्ष्मण सिंह मुण्डा ने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। जमाने के साथ महिलाओं को भी पुरुष के साथ कंधा से कंधा मिलाकर परिवार, समाज और देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।

कल्पना चावला अंतरिक्ष यान में उडाऩ भर सकती है, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई मुगलों को और फूलो झानो अंग्रेजों के दांत खट्टे कर सकती हैं तथा द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद पर आसीन हो सकती हैं तो अन्य महिलाएं भी कमजोर कैसे हो सकती हैं?

इन्होंने रखे विचार

कार्यक्रम में सबरन मुण्डा, हरिश्चन्द्र मुण्डा, लखिन्द्र सिंह मुण्डा, उदरकांत सिंह मुंडा, पूर्णचंद्र मुण्डा,सहदेव मुण्डा, मुखिया सुशिला देवी, अनिता देवी, सीता देवी, द्रोपदी देवी, आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला सशक्तिकरण के विषय पर अपना वक्तव्य दिया। वक्ताओं ने समाज में फैली कुरीतियों जिनमें बाल विवाह, दहेज प्रथा, नशाखोरी, डायन बिसाही को दूर करने हेतु महिलाओं के जागरूकता पर बल दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सुशीला देवी, सालु कुमारी, सीता देवी, राधिका देवी, मन कुमारी देवी, हीरा देवी, किरण मुण्डा, दमयन्ती देवी, बुधनी देवी, कौशल्या देवी, चांदमनी देवी, शिशुपाल पातर समेत अन्य का सराहनीय योगदान रहा।