रांची: करीब डेढ़ महीने बाद सिटी के बाजार पहली बार गुरुवार को खुले। कोरोना की सेकेंड वेव के कारण लागू लॉकडाउन और अब अनलॉक-1 के तहत दुकानों के शटर खुलने से बाजार में थोड़ी चहल-कदमी तो दिखी, लेकिन पहला दिन दुकानों की साफ-सफाई में ही निकल गया। दुकानों को दोपहर दो बजे तक ही खोलने की अनुमति है। वहीं, पहले दिन खरीदार भी नाममात्र ही घरों से बाहर निकले। बता दें कि छठी बार के स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में अनलॉक -1 के तहत कुछ रियायतें दी गई हैं, जिसमें कपडे़, जूते, ज्वेलरी व कॉस्मेटिक्स शॉप्स को छोड़कर बाकी सभी प्रकार की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। हालांकि, अब भी दो बजे तक ही दुकानों को खोलने की इजाजत है। आईए, जानते हैं अनलॉक-1 का फ‌र्स्ट डे फ‌र्स्ट शो कैसा रहा।

डेढ़ महीने से कमाई बंद

मेन रोड के मोबाइल विक्रेताओं ने बताया कि लगभग डेढ़ महीने से दुकान बंद है। 2020 में भी बुरा हाल था। इस बार भी होली के समय कोरोना संक्रमण बढ़ने से बाजार मंदा हो गया। वहीं 22 अप्रैल से दुकान बंद होने के कारण कमाई बिल्कुल बंद हो गई। लेकिन अब भी दो बजे तक ही दुकान खोलनी है, जिस कारण कस्टमर आने की उम्मीद कम ही है। मोबाइल दुकान के अलावा, बुक्स स्टोर, खिलौने, गिफ्ट सेंटर, कॉस्मेटिक व अन्य कई प्रकार की दुकानें खुली दिखीं। मेन रोड में कपडा, जूता, ज्वेलरी व कॉस्मेटिक्स छोड़ बाकी सभी दुकानें गुरुवार को खुलीं।

खरीदारों का इंतजार

दुकानें तो खुल गई हैं लेकिन दुकानदारों को अब ग्राहकों का इंतजार है। कोरोना की सेकेंड वेव के भयावह मंजर से अभी लोग ऊबर नहीं पाए हैं। लोगों में अब भी संक्रमण को लेकर डर समाया हुआ है। दुकान खुलने के बावजूद गुरुवार को भी मेन रोड, रातू रोड छोड़ बाकी अन्य सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। वहीं, दो बजे के बाद सभी इलाकों में लॉकडाउन जैसी हालत हो गई। इसके बाद हर हाल में दुकानों को बंद करने का आदेश है, जिनकी दुकाने खुली रहती हैं पुलिस जबरन उनकी दुकानें बंद करा रही है।

इन्फेक्शन में आई कमी

राजधानी में छह सप्ताह के आंशिक लॉकउाउन का असर दिखने लगा है। अप्रैल महीने में जहां हजार से भी ज्यादा पॉजिटिव केसेज हर दिन आ रहे थे, वहीं अब यह सिर्फ 60 तक रह गया है। जबकि राजधानी में कोरोना के कुल एक्टिव मामले सिर्फ 2264 रह गए हैं। पहले स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के समय राजधानी की जो तस्वीर थी, आज उससे बिल्कुल उलट है। अब धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौट रही है। लेकिन छोटे दुकानदार एवं रोज कमाने खाने वालों के लिए यह डेढ़ महीना काफी कष्टदायक रहा।