रांची(ब्यूरो)। बीते सात सालों से खंडहर के रूप में पड़ा है राजधानी रांची का अर्बन हाट। कांके में आधे-अधूरे बने अर्बन हाट का एक बार फिर से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इस बार इसे दिल्ली के अर्बन हाट की तर्ज पर बनाने का निर्णय लिया गया है। इसपर करीब 11 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना भी तैयार कर ली गई है। इससे पहले भी अर्बन हाट के नाम पर खंडहर बनाने लिए सरकार ने दस करोड रुपए फूंक दिए हैं। अब फिर से 11 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी है। अर्बन हाट के निर्माण में पहले खर्च किए गए दस करोड़ रुपए हुए बर्बाद तो अब दोबारा अर्बन हाट बनाकर योजना के बाकी 11 करोड़ रुपए भी खर्च करने की कवायद शुरू हो गई है। राजधानी में अर्बन हाट बनाने की सुगबुगाहट फिर से शुरू हुई है। 2016 से ही अर्बन हाट का काम बंद पड़ा है। छह साल बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसके निर्माण को फिर से हरी झंडी दे दी है। इस बार इसे दिल्ली के अर्बन हाट की तर्ज पर बनाया जाएगा।

नशेबाजों का अड्डा

निर्माण अधूरा रहने के कारण वहां की पाइप और नल पूरी तरह से टूट चुके हैं। कुछ लोग अतिक्रमण कर यहां रहना भी शुरू कर दिए हैं। हॉल में लोहे की छड़ें बेकार पड़ी हैं। कमरों में दारू-शराब की बोतलें इधर-उधर गिरी हुई हैं। लोकल लोगों ने बताया कि खुला स्थान होने के कारण यह असामाजिक तत्वों का अड्डा हो गया है। यहां हर शाम शराबियों की महफिल जमती है। कमरों में बने शटर को नीचे गिराकर असामाजिक तत्वों द्वारा यहां गांजा और शराब पीना तो आम बात हो गई है। इसके अलावा अर्बन हाट के कमरों को लोग शौचालय के तौर पर इस्तेमाल करने लगे हैं। लोकल लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से इस हार्ट का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। लेकिन इसे बीच में ही रोक दिया गया। बाद में इस स्थान पर अलग-अलग प्रोजेक्ट जैसे स्किल डेवलपमेंट सेंटर, गल्र्स हॉस्टल आदि बनाने पर भी विचार हुआ। लेकिन कोई योजना धरातल पर नहीं उतरी। जिस समय इसकी नींव रखी गई थी तो लोगों को लगा कि यहां के स्थानीय छोटे और बड़े व्यवसायियों को एक बड़ा मार्केट मिलेगा, जिसमें ट्रेनिंग सेंटर से लेकर व्यावसायिक गतिविधियां भी होंगी। मगर ऐसा हो नहीं सका। अर्बन हाट बनाने के पीछे की सोच यह थी कि यहां देशभर के शिल्पकार दुकान लगाएंगे और स्थानीय शिल्पकारों को भी अपना उत्पाद बेचने के लिए बाजार मिलेगा। इस सपने को साकार करने के लिए काम भी शुरू हुआ, लेकिन अचानक सरकार का मन बदला और अर्बन हाट की जगह इसे स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाने की कवायद होने लगी, जिसके बाद काम पर ब्रेक लगा तो आजतक लगा हुआ ही है।

रोजगार से जुड़ेंगे स्थानीय लोग

अधूरे पड़े अर्बन हाट को फिर से अर्बन हाट के ही रूप में डेवलपमेंट करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जल्द से जल्द इसे तैयार कर हस्तकला, शिल्पकला समेत अलग-अलग कारीगरों को इससे जोडऩे का निर्देश दिया गया है। हाट का निर्माण कार्य पूरा होने पर रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे। आस-पास के लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। गौरतलब हो कि दिल्ली हाट में गांव के पारंपरिक बाजार का माहौल दिखाई देता है। यहां विभिन्न पारंपरिक सामान देखने को मिलते हैं। हस्तशिल्प, भोजन और सांस्कृतिक एक्टिविटीज भी दिल्ली अर्बन हाट में देखी जा सकती है। इसी तर्ज पर रांची में भी अर्बन हाट बनाने का निर्णय लिया गया है।

अधूरे पड़े अर्बन हाट का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्णय लिया गया है। दिल्ली की तर्ज पर इसे फिर से तैयार किया जाएगा। जल्द ही काम शुरू होगा।

- कुंवर सिंह पाहन, एएमसी, आरएमसी