रांची (ब्यूरो): रिम्स में कोरोना जांच की मशीन जीनोम सीक्वेंस पिछले महीने आ गई है, लेकिन फिलहाल यह रिम्स की शोभा ही बढा रही है। क्योंकि लैब में अभी तक इसको इंस्टॉल नहीं किया गया है। भारत में कोरोना का नया वेरिएंट एक्स ई के आने की चर्चा हो रही है। लेकिन रिम्स में अभी तक इसकी तैयारी पूरी नहीं हुई है। विभाग के अधिकारी कह रहे हैं, जल्द ही मशीन लग जाएगी, लेकिन कब लगेगी कोई बताने को तैयार नही है। रिम्स से मिली जानकारी के मुताबिक जिस कंपनी ने जीनोम मशीन सप्लाई की है, लेकिन अभी तक इंस्टॉल नहीं किया गया है। इस मशीन में जो कंज्युमेबल आइटम यूज होगा वह उसी कंपनी को लगाना होगा, इसके लिए टेंडर भी कर दिया है।

पिछले साल से चल रहा था प्रोसेस

कोविड-19 की तीसरी लहर से ही रिम्स में जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन लगाने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अभी तक यह पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में तीसरी लहर गुजरने पर भी वैरिएंट की जांच शुरू नहीं हो पायी थी। संबंधित कंपनी से जीनोम मशीन के उपकरणों व पुर्जों की खरीद की प्रक्रिया अभी भी जारी है। स्वास्थ्य विभाग ने निर्माता कंपनी से पांच करोड़ में अमेरिका से जीनोम मशीन मंगवायी है, लेकिन मशीन को चलाने के लिए जरूरी उपकरण व पुर्जों की खरीदारी बाकी है। मशीन मंगाने के लिए सरकार की अधिकृत एजेंसी जैम में निविदा आमंत्रित की गयी थी।

अभी भी लगेगा समय

अभी भी मशीन के अहम पुर्जों के आने और जांच शुरू होने में समय लगने की संभावना है। कंपनी और स्वास्थ्य विभाग के बीच कीमत को लेकर बात नहीं बन पा रही है। कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 2.35 से 2.40 करोड़ से नीचे में उपकरण उपलब्ध नहीं करा पायेगी। वहीं, जीनोम मशीन में शेष उपकरण उसी कंपनी की लगाने की बाध्यता है, इसलिए कंपनी अपने स्तर से कीमत पर दबाव बना रही है।

25 दिन पहले रिम्स आई है मशीन

दिसंबर 2020 में ही कंपनी को उपकरण मुहैया कराने का कार्यादेश स्वास्थ्य विभाग ने दिया था। दिसंबर 2021 में मशीन लाने का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है। कंपनी ने 45 दिनों में मशीन उपलब्ध कराने का निर्देश था। कंपनी को पैसा नहीं मिलने और कस्टम क्लियरिंग में देरी होने से मशीन दिल्ली में आकर कई दिनों से पड़ी हुई थी। काफ प्रयास के बाद 25 दिन पहले रिम्स में मशीन आयी है, जसकी पैकिंग भी नहीं खोली गयी है।

भुवनेश्वर भेजा जाता है सैंपल

कोविड के जांच के लिए सैंपल को ओडिशा और कोलकाता भेजा जाता था। हर बार विभाग द्वारा यही दावा किया जाता रहा कि जल्द ही मशीन मंगवा ली जाएगी, लेकिन तीन महीने देर बाद मशीन रांची पहुंची, लेकिन अभी तक इससे जांच शुरू नहीं हो पाई है। सैंपल को बाहर भेजने से जांच रिपोर्ट आने में काफी वक्त लग रहा था।

जीनोम सिक्वेंस मशीन रांची आ गई है। जिस कंपनी से सप्लाई की है उसे ही इंस्टाल करना है। इसमें कंज्यूम होनेवाले मैटेरियल का टेंडर जेम्स पोर्टल पर किया गया है, एजेंसी चयन होते हीं काम शुरू हो जाएगा।

डॉ डीके सिन्हा, पीआरओ, रिम्स