रांची: नए साल में लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ा तोहफा कोरोना टीका के रूप में मिलेगा। राज्य स्तर पर भी इसकी पूरी और पुख्ता तैयारी कर ली गई है। दो जनवरी को राज्य के छह जिलों में टीकाकरण का मॉक ड्रिल (पूर्वाभ्यास) होगा। इनमें रांची के अलावा पलामू, पाकुड़, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम तथा चतरा शामिल हैं। टीकाकरण में शामिल होनेवाले तमाम चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग मिल चुकी है। साथ ही टीके से जुड़े आवश्यक उपकरण जिलों को भेजे जाने लगे हैं।

इजाजत मिलते ही शुरुआत

पहले चरण में 1.10 लाख हेल्थ वर्करों को टीका देने का लक्ष्य है। बाद में चरणबद्ध ढंग से अन्य लोगों को टीका दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद जनवरी माह में ही राज्य में कोरोना का टीका लगना शुरू हो सकता है।

पांच अफसरों की टीम

केंद्र द्वारा भेजे गए दिशा-निर्देश तथा राज्य स्तर पर की गई तैयारी के अनुसार प्रत्येक केंद्रों पर पांच वैक्सीनेटर ऑफिसरों की टीम टीकाकरण का कार्य करेगी। इसमें मुख्य भूमिका में वैक्सीनेटर ऑफिसर होगा जिसमें चिकित्सक, स्टाफ नर्स, ए ग्रेड नर्स आदि हो सकते हैं। वैक्सीनेटर ऑफिसर-1 के रूप में स्थानीय पुलिस कर्मी या होमगार्ड की तैनाती की जाएगी। इसी तरह, वैक्सीनेटर ऑफिसर-2 का काम प्रमाणपत्रों की जांच करना होगा। टीका के लिए निबंधन के अलावा केंद्र पर पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा। वैक्सीनेटर ऑफिसर-3, 4 का काम जो भीड़ के नियंत्रण तथा शारीरिक दूरी के नियमों का अनुपालन कराना होगा।

टीका लगने पर सर्टिफिकेट

तय कार्यक्रम के अनुसार, टीका के बाद संबंधित व्यक्ति को कम से कम आधे घंटे वहां रुकना अनिवार्य होगा। इसके लिए अलग से कमरे की व्यवस्था की जाएगी। वहीं, टीका के बाद संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर एसएमएस आएगा, जिसमें दिए गए ¨लक से वह टीका लेने का प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकेगा।