रांची: ट्रैफिक रूल वॉयोलेशन में सिटी के अलग-अलग थानों में सैकड़ों ऑटो कबाड़ हो रहे हैं। इनकी वजह से पुलिस स्टेशन भी कबाड़खाना नजर आता है। यहां पडे़ ऑटो पुलिस वालों के लिए सरदर्द बन चुके हैं। हालांकि परिवहन विभाग की ओर से अब ऐसे कबाड़ ऑटो पर एक्शन लेने की पहल हो चुकी है। दरअसल, ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने सभी यातायात थानों से कबाड़ हो रहे वाहनों को हटाने का अनुरोध परिवहन विभाग से किया था, जिस पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने ऑटो की नीलामी का आदेश दे दिया है। लेकिन ऑटो को नीलाम करने से पहले उसके ओनर तक यह सूचना पहुंचाने को भी कहा गया है। परिवहन विभाग की ओर से ऑटो मालिकों को एक हफ्ते का समय दिया गया है। यदि इस दौरान कोई अपने वाहन को छुड़ाना चाहता है तो वह छुड़ा सकता है। यदि हफ्ते भर के भीतर ऑटो ओनर्स नहीं आते हैं तो ऑटो का ऑक्शन शुरू कर दिया जाएगा।

400 से ज्यादा ऑटो थानों में कबाड़

राजधानी रांची के अलग-अलग थानों एवं यातायात थाना में ऑटो समेत कई दूसरी गाडि़यां वर्षो से पड़ी हुई हैं। इससे पुलिस स्टेशन की सूरत भी बिगड़ रही है। वहीं गाडि़या भी दिनों दिन जर्जर होती जा रही हैं। डीजे आईनेक्स्ट की ओर से पहले भी कई बार इस खबर को उठाया जा चुका है, जिस पर अब एक्शन शुरू हुआ है। यदि समय रहते गाडि़यों का ऑक्शन हो जाए या गाड़ी मालिक दंड की राशि जमा कर अपने वाहन ले जाएं तो सरकार का रेवेन्यू भी बढे़गा और पुलिस स्टेशन भी साफ और स्वच्छ रहेगा। रांची के थानों में चार सौ से अधिक ऑटो पडे़ हुए हैं। लेकिन फिलहाल लालपुर, जगन्नाथपुर, चुटिया और गोंदा में पडे़ ऑटो का ऑक्शन किया जाएगा। इन थानों में लगभग दो सौ ऑटो हैं। हालांकि, ऑटो के ऑक्शन से पहले इसकी सूचना गाड़ी मालिक को दी जाएगी।

पेपर लाएं, फाइन जमा करें और ले जाएं गाड़ी

जब्त ऑटो के ऑक्शन से पहले गाड़ी मालिक को मौका दिया जाएगा कि वे अपनी गाड़ी वापस ले जाएं। गाड़ी मालिकों से कहा गया है कि वे अपनी गाड़ी का पेपर लाएं फाइन की राशि जमा करें और वाहन विमुक्त का आदेश प्राप्त कर अपने वाहन लेते हैं। सिर्फ ऑटो मालिक ही नहीं बल्कि ऑटो फाइनांस करने वाली कंपनी या लोन उपलब्ध कराने वाली कंपनी भी पेपर दिखा कर एवं दंड राशि जमा कर ऑटो ले जा सकती है। मालूम हो कि ऑटो चालक ऑटो चलाते वक्त कई तरह से रूल ब्रेक करते हैं। कोई रांग साइड से निकलने का प्रयास करता है तो कोई सवारी के साथ उलझ पड़ता है। कुछ ऑटो ड्राइवर ज्यादा स्पीड में एक्सीडेंट तक कर देते हैं। इसके अलावा कई ऑटो चालक ऐसे भी हैं, जिनके पास न तो पॉल्यूशन पेपर है और न ही उन्हें परमिट मिला है। पुलिस की ओर से लगाए गए अभियान में ऐसे ड्राइवर्सं के ऑटो जब्त कर लिए जाते हैं। कुछ ऑटो ड्राइवर या ऑटो ओनर अपनी गाड़ी छुड़ा लेते हैं तो वहीं अधिकतर ऑटो ओनर गाड़ी थाने में ही छोड़ देते हैं।

सिर्फ ऑटो ही नहीं और भी गाडि़या हो रहीं जर्जर

यातायात थाना में सिर्फ ऑटो ही नहीं बल्कि यहां कार, बाइक, स्कूटी, पिकअप समेत कई और भी गाडि़या पड़ी हुई हैं। हर मौसम में खुले में ही यहां गाडि़या खड़ी रहती हैं, जिससे दिनोंदिन सभी वाहन जर्जर होते जा रहे हैं। थाना प्रभारियों का कहना है कि बीते कुछ वर्षो में एक बार भी ऑक्शन नहीं हुआ है। एक्सीडेंटल केस में लोग अपने वाहन थानों में ही छोड़ देते हैं। थानों में ज्यादा स्पेस नहीं होने के कारण सभी वाहन जैसे-तैसे पडे़ रहते हैं, जिस कारण पुलिस स्टेशन भी कबाड़खाना नजर आता है। सुखदेव नगर थाना, कोतवाली, चुटिया, सदर से लेकर पंडरा और मोरहाबादी ओपी में भी सैकड़ों गाडि़यां पड़ी हुई हैं।