रांची(ब्यूरो)।राजधानी रांची के अस्पतालों में वायरल फीवर से ग्रसित मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। ठंड की आहट से ही सिटी के हॉस्पिटल्स में ओपीडी के बाहर मरीजों की लाइन लगनी शुरू हो गई है। राजधानी के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल रिम्स में इन दिनों 300 से 400 मरीज प्रति दिन आ रहे हैं। सिर्फ डॉक्टर के ओपीडी के बाहर ही नहीं बल्कि रिम्स रजिस्टे्रशन काउंटर पर भी भीड़ उमड़ रही है। ज्यादातर मरीज वायरल फीवर से ही ग्रसित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों मौसम में हो रहे बदलाव की वजह से मरीजों की संख्या बढ़ी है। ऐसे मौसम में लोगों को अपनी सेहत की देखभाल की ज्यादा दरकार होती है। राजधानी रांची में इन दिनों ठंड ने आहट दे दी है, जिससे अस्पतालों में सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा देखा जा रहा है। रिम्स, सदर और दूसरे हॉस्पिटल में सुबह से देर-शाम तक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

डबल हुए रिम्स के मरीज

रिम्स के ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। पहले जहां 1000 से 1200 मरीज आते थे वहीं इन दिनों करीब 1800 मरीज रोजाना इलाज के लिए आ रहे हंै। इसमें ज्यादातर मरीज मेडिसीन विभाग की ही पर्ची कटा रहे हैं, क्योंकि अधिकतर सिर्फ सर्दी-बुखार की समस्या लेकर ही अस्पताल आ रहे हैं। हर दिन मेडिसीन के बाहर मरीजों की लाइन लग रही है। सुबह आठ बजे से ही मरीज हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। जिन मरीजों का इलाज नहीं हो पाता वे रिम्स कैंपस में ही बैठकर इलाज करवाने का इंतजार करते रहते हैं। रिम्स मेडिसीन विभाग के डॉ बी कुमार ने बताया कि इन दिनों सबसे ज्यादा मरीज वायरल फीवर वाले पहुंच रहे हैं। इनमें सर्दी-बुखार आम है। अधिकतर मरीजों में मलेरिया व डेंगू के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं, लेकिन जांच के बाद इस तरह की किसी बीमारी की पुष्टि नहीं होती। उन्होंने बताया कि यह वायरल फीवर मनुष्य के शरीर को पूरी तरह से कमजोर कर देता है। इसके साथ ही पूरे शरीर में जकडऩ के साथ तेज दर्द होने लगता है। डॉक्टर ने कहा कि जब भी मरीजों को इस तरह की परेशानी होती है या कोई लक्षण दिखाई पड़ता है, उसे नजरअंदाज किए बिना डॉक्टरों से परामर्श जरूर लेना चाहिए। वहीं, जो दवाइयां डॉक्टर प्रेस्क्राइब करते हैं उसमें भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

डेंगू का सता रहा डर

बीते एक महीने से राजधानी रांची में डेंगू के लगातार मरीज मिल रहे हैं, जिस कारण वायरल फीवर वाले लोगों को भी डेंगू का भय सता रहा है। रिम्स के डेंगू वार्ड में फिलहाल 14 संक्रमित मरीज भर्ती हैं, जिनमें से तीन मरीज रांची के हैं। रांची के मरीज ओरमांझी, इंद्रपुरी और लालपुर इलाके के रहने वाले हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के दो, गया के एक मरीज के अलावा पलामू के चार, धनबाद के एक, लोहरदगा, लातेहार और रामगढ़ के एक-एक मरीज इलाज के लिए रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते डॉक्टरों ने भी एहतियात बरतने की अपील की है। रिम्स के डॉ बी कुमार ने कहा कि ठंड की आहट और मौसम के बदलते मिजाज के बीच डेंगू भी लोगों को परेशान कर रहा है। ऐसे में अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

प्राइवेट अस्पतालों में भी भीड़

इन दिनों सिर्फ रिम्स ही नहीं, बल्कि सदर और प्राइवेट हॉस्पिटल एवं क्लीनिक में भी मरीजों की कतार देखी जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर मरीज बुखार और बदन दर्द की समस्या लेकर आ रहे हैं। वायरल फीवर के पेशेंट्स ज्यादा हैं। हालांकि जांच में कुछ लोगों में डेंगू के भी लक्षण पाए जा रहे हैं। सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ अजीत ने बताया कि पहले की अपेक्षा मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गो को विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।

क्या कहते हैं डॉक्टर्स

ठंड बढऩे के साथ ही मरीजों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है। मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए विशेष निगाह रखी जा रही है।

- डॉ। बी कुमार

ठंड के मौसम में ब्लडप्रेशर और डायबिटीज के रोगी को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। सर्दी के मौसम में हर व्यक्ति को कम से कम 3 लीटर पानी पीना चाहिए। छोटे बच्चों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

डॉ। अजीत