RANCHI : शहर को साफ-सुथरा और चकाचक रखने के नगर निगम के दावों की पोल खुल गई है। दुर्गा पूजा के बाद से ही मुख्य सड़कों के साथ-साथ गली-मुहल्लों में जहां-तहां कचरे का अंबार लगा हुआ है, लेकिन एमएसडब्ल्यू के सफाई कर्मियों को यह नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में लोगों का गुस्सा भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है, जिसने वार्ड पार्षदों की भी चिंता बढ़ा दी है। ये पार्षद अब एजेंसी से सफाई का काम छीनकर निगम से ही कराने का दबाव नगर निगम के नगर आयुक्त पर बना रहे हैं।

सेल्फ हेल्प ग्रुप को दें जिम्मा

डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय भी सफाई व्यवस्था से त्रस्त है। उन्होंने अपने वार्ड में सफाई का काम सेल्फ हेल्प ग्रुप से कराने के लिए नगर आयुक्त को पत्र भी लिखा है। साथ ही सफाई कराने के लिए निगम से जरूरी संसाधन भी उपलब्ध कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि इसे प्रयोग के तौर पर लागू किया जा सकता है। अगर यह व्यवस्था सफल रहती हो तो इसे अन्य वार्डो में लागू किया जाए।

8 सालों में नहीं शुरू हो सका प्लांट

नगर निगम ने आठ साल पहले झिरी स्थित डंपिंग यार्ड में पावर प्लांट लगाने की प्लानिंग बनाई थी। इसका मकसद वेस्ट के डिस्पोजल से बिजली पैदा करना था। लेकिन, साल-दर-साल गुजरते गए, आजतक वेस्ट डिस्पोजल से बिजली बनाने के लिए प्लांट की आधारशिला तक नहीं रखी गई।

दिन-प्रतिदिन सड़कों व गली-मुहल्लों में कचरा डंप हो रहा है, लेकिन एजेंसी के सफाई कर्मी इसे नहीं उठा रहे हैं। जहां-तहां पसरी गंदगी से आसपास रहने वालों का जीना मुहाल हो गया है। यहां तो स्वच्छता अभियान का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।

जेरमिन टोप्पो

पार्षद, वार्ड-15

मोहल्ले व सड़कें किस कदर नरक बन गईं हैं, इसका अहसास कराने के लिए हमें एमटीएस के अधिकारियों को बुलाना होगा। इससे उन्हें पता चलेगा कि लोग किस तरह गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं। अगर ये अधिकारी यहां एक घंटा भी गुजार लें तो मैं अपने वार्ड की जनता को 24 घंटे रहने के लिए कहूंगी।

नाजिमा रजा

पार्षद, वार्ड-16

सफाई के लिए एजेंसी को काम देकर नगर निगम ने बड़ी गलती कर दी है। ये किसी की सुनते तक नहीं हैं। गंदगी उठाने में एजेंसी पूरी लापरवाही बरत रही है। इससे तो बेहतर होता कि हमलोग खुद से सफाई कराते थे। कम से कम रोज कचरा तो उठ जाता।

अशोक खलखो

पार्षद, वार्ड-6

आठ साल पहले जब झिरी में प्लांट लगाने की योजना बनी थी तो लगा था कि सबकुछ बेहतर होगा। लेकिन, आजतक इस मामले में कोई काम ही नहीं हुआ। आसपास के लोगों का जीना भी मुश्किल हो गया है। एजेंसी को काम देते वक्त कहा गया था कि सिटी में कचरा नहीं दिखेगा। लेकिन स्थिति तो उलट गई है। जहां देखो वहीं कचरा है।

प्रदीप कुमार

पार्षद, वार्ड-29