-कई इलाकों में सूखने लगी बोरिंग, नीचे गया कुएं का वाटर लेवल

-न सप्लाई और न ही टैंकर से कराई जा रही है जलापूर्ति

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RANCHI (11 न्श्चह्मद्बद्य): जैसे-जैसे गर्मी का बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे पेयजल की समस्या भी बढ़ती जा रही है। पीने के पानी के लिए लोगों का दर-दर भटकना शुरू हो चुका है। लोग एक ओर कोरोना की मार झेल रहे हैं तो दूसरी ओर पीने के पानी के लिए भी उन्हें मशक्कत करनी पड़ रही है। लॉकडाउन की वजह से भी ज्यादा पानी लाने नहीं जा सकते हैं। घरों के कुएं, बोरिंग सभी सूखने लगे हैं, जलस्तर अभी से ही काफी नीचे चला गया है। कोरोना वायरस से युद्ध के साथ-साथ अब पानी के लिए भी जद्दोजहद हो रही है। हरमू, इंद्रपुरी, गोंदा, रुगड़ीगढ़ा, मधुकम, विद्यानगर जैसे इलाकों में पानी की समस्या शुरू हो चुकी है। लेकिन इधर अभी किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। सरकार से लेकर मंत्रालय, प्रशासन सभी सिर्फ और सिर्फ कोरोना के साथ जंग लड़ने में व्यस्त हैं। वहीं, दूसरी ओर लोगों को जिंदा रहने के लिए पानी की भी जरूरत है, इसे समझना बहुत जरूरी है। जी हां, शनिवार को भी मधुकम, रुगड़ीगढ़ा समेत कई इलाकों में पानी की समस्या देखी गई।

रुगड़ीगढ़ा में पानी का इंतजार

शनिवार को रुगड़ीगढ़ा के लोग पानी के इंतजार में घंटो खडे़ रहे। दोपहर बारह बजे से ही बर्तन लेकर सप्लाई कनेक्शन के पास लोग जमा होने लगे। करीब दो बजे पानी आया, जिसके बाद एक-एक कर लोगों ने पानी भरा। यहां कोरोना वायरस से डर से ज्यादा जरूरी है पीने के लिए पानी भरना। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि सब कुछ बंद है। कहीं दूसरी जगह पानी लाने जा भी नहीं सकते। मोहल्ले में एक कनेक्शन है, यहीं हर दिन पानी का इंतजार करते हैं। न तो सरकार और न ही नगर निगम ध्यान दे रहा है। कोरोना से तो जब मरना होगा तब मरेंगे, लेकिन प्यास से दो दिन में ही मर जाएंगे। खाना बनाने के लिए भी पानी नहीं है।

पानी टैंकर से दवा छिड़काव

देशभर में कोरोना वायरस ने आतंक मचाया हुआ है। राजधानी रांची में भी इसका प्रकोप फैलने लगा है। हिंदपीढ़ी इलाके से कोरोना पॉ िजटिव केस मिलने के बाद सरकार और प्रशासन अलर्ट है। जगह-जगह दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। लेकिन दवा के छिड़काव के लिए भी नगर निगम के पानी के टैंकर का ही इस्तेमाल हो रहा है। इस वजह से टैंकर से वाटर सप्लाई बंद है। लगभग सभी टैंकरों को इसी काम में लगा दिया गया है। अलग-अलग एरिया में टैंकर भेजकर दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। नगर-निगम की ओर से बनाया गया एचवाईडीटी और मिनी एचवाईडीट भी सूखने लगे हैं। ऐसे में लोगों के पास अब सप्लाई पानी ही एक सहारा बचा है।

क्या कहते हैं लोग

बोरिंग सूख चुका है। जलस्तर नीचे जाने के कारण मोटर भी जल गया। बनवाने के लिए कोई दुकान नहीं खुला है। कुछ कर नहीं सकते, सब कुछ बंद है। पानी की समस्या बढ़ने लगी है। सप्लाई का भी कोई निश्चित समय नहीं है। बहुत परेशानी हो रही है। कोरोना वायरस का खतरा भी है और पानी भरना भी जरूरी है। क्या करें, कुछ समझ नहीं आ रहा। टैंकर से पानी भिजवाया जाता तो थोड़ी राहत हो जाती।

---------------दीपक वर्मा

घर में बिना पानी कोई काम नहीं हो सकता। घर में पांच-छह सदस्य हैं, सबको नहाने, कपड़ा धोने में भी परेशानी हो रही है। बंदी में काम-काज भी ठप पड़ा है, पानी खरीदने को भी पैसे नहीं हैं। नगर निगम की ओर से भी टैंकर नहीं आ रहा, सप्लाई पानी का भी कोई समय नहीं है। इसलिए पानी आने से पहले ही आकर हम लोग खड़ा हो जाते हैं। कभी-कभी यहां भी गंदा और बदबूदार पानी निकलता है।

-------------सोनी देवी

सरकार हमलोगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। या तो बीमारी से मरेंगे या भूख और प्यास से, मरना तो हर हाल में है। पार्षद से शिकायत करने पर वह कहता है दस हजार का मोबाइल फोन यूज करने वालों को पानी की क्या दिक्कत। गर्मी की शुरुआत में ही यह हाल है। आगे पता नहीं क्या होगा। कबतक यह लॉकडाउन रहेगा, यह भी कोई ठीक नहीं। टैंकर से पानी की सप्लाई होनी चाहिए और सप्लाई का भी एक निश्चित समय तय होना चाहिए।

-------------अंजली देवी