रांची (ब्यूरो): अमृत योजना और हर घर नल योजना के तहत सिटी के विभिन्न इलाकों में वाटर सप्लाई के लिए काम जारी है। पाइपलाइन बिछाने के बाद पानी टंकी का भी निर्माण जोर-शोर से चल रहा है। अब थर्ड फेज में ग्राउंड लेवल स्टोरेज रिजर्वायर को लेकर कवायद तेज हो चुकी है। चिरौंदी स्थित बोड़ेया पहाड़ पर सात मीटर उंचा, करीब 5000 स्क्वायर फीट क्षेत्रफल और 22500 केएल क्षमता वाला ग्राउंड लेवल स्टोरेज रिजर्वायर तैयार किया जा रहा है। इसकी लागत करीब आठ करोड़ रुपए है। विभाग का दावा है टैंक से सप्लाई शुरू होने के बाद इलाके में लगभग पांच लाख लोगों को इससे राहत मिलेगी। विभाग का दावा है कि 2024 से रांची में पानी की समस्या दूर हो जाएगी।

लाखों लोगों को राहत मिलेगी

रांची के मोरहाबादी, न्यू मोरहाबादी, चिरौंदी, एदलहातू, कोकर, कांटाटोली, सिरमटोली, चुटिया, नामकूम, रांची स्टेशन, लोवाडीह, पुरुलिया रोड, हरिहर सिंह रोड, बोड़ेया रोड व अन्य स्थानों में पानी की विकट समस्या रहती है। हर साल गर्मी के मौसम से पहले ही इन इलाकों के बोरिंग और कुंए सूखने लगते हैं। इन इलाकों को ड्राई जोन घोषित करते हुए नगर निगम द्वारा टैंकर की मदद से पानी की आपूर्ति की जाती है। बोड़ेया में बनने वाले वाटर टैंक से नगर निगम के दस वार्ड में 61 हजार घरों में रहने वाले लाखों लोग लाभान्वित होंगे। टैंक से 24 घंटे जलापूर्ति होगी। वाटर टैंक का काम 2024 तक पूरा कर यहां वाटर सप्लाई शुरू करने का लक्ष्य है।

पहाड़ काट बन रहा टैंक

राजधानी के हर घर तक शुद्ध पेजयल पहुंचाने के लिए अब योजनाएं धरातल पर उतरने लगी हैं। जेएनएनयूआरएम और अमृत योजना के तहत वाटर सप्लाई पाइपलाइन बिछाने का काम पहले से जारी है, लेकिन अब जल की आपूर्ति की तीसरी योजना पर भी काम शुरू कराया गया है। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के सहयोग से शुरू की गई इस योजना के तहत चिरौंदी स्थित पहाड़ पर वाटर टैंक का निर्माण कराया जा रहा है। पोकलेन की सहायता से बोड़ेया पहाड़ के ऊपरी सतह को समतल करने की प्रक्रिया चल रही है। पहाड़ समतल होने के बाद ग्राउंड लेवल स्टोरेज रिजर्वायर के प्लिंथ और फांउडेशन का काम कराया जाएगा। वाटर टैंक बनने से आस-पास के लोग भी काफी खुश हैं। उनका कहना है अभी पानी की बहुत समस्या है। अप्रैल से ही पानी की किल्लत होने लगती है। वाटर टैंक का निर्माण करा रहे सुपरवाइजर के अनुसार इस टैंक से 24 घंटे आंशिक रूप से जलापूर्ति होती रहेगी।

बीते कई वर्षों से सुन रहे हैं कि पानी की समस्या दूर होगी, लेकिन अबतक समस्या जस की तस है। इधर काम शुरू हुआ है, लेकिन कब तक पूरा होगा कहा नहीं जा सकता। जब सप्लाई होने लगे तभी खुशी होगी।

- धीरज कुमार

वाटर टैंक बन रहा है। यह खुशी की बात है। जल्दी से जल्दी काम खत्म कर जलापूर्ति शुरू किया जाएगा। हर साल गर्मी में बड़ी परेशानी होती है। पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

- अंकित कुमार

पानी की समस्या सबसे ज्यादा गर्मी में होती है। कुंआ, बोरिंग सब सुख जाते हें। जलापूर्ति के लिए पानी स्टोर करने पर भी विचार करने की जरूरत है। पानी के सोर्सेज पर भी ध्यान देना बेहद जरूरी है।

- नीरज कुमार

हम लोगों को अपने घर पर भी वाटर रिचार्ज करने की व्यवस्था करनी चाहिए। रैन वाटर हार्वेस्टिंग काफी बढिय़ा उपाय है। पानी की समस्या दूर करने के लिए सरकार द्वारा प्रयास भी सराहनीय है।

- दीपक