रांची(ब्यूरो)। रांची नगर निगम क्षेत्र में लोगों के लिए पानी की क्या स्थिति है, इसको लेकर सर्वे किया जाएगा। झारखंड के सात नगर निकायों में राष्ट्रीय स्तर पर पेयजल सर्वेक्षण नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू होने वाला है। 2100 अंकों के सर्वेक्षण में अधिक से अधिक अंक प्राप्त करने के लिए सभी सातों निकायों ने तैयारी शुरू कर दी है। युद्ध स्तर पर तालाबों, वाटर रिजर्वायर और पाइप लाइन की सफाई का काम शुरू होगा। झारखंड के सात नगर निगम रांची, धनबाद, हजारीबाग, गिरिडीह, आदित्यपुर, चास और देवघर को सेलेक्ट किया गया है।

आम लोगोंं का फीडबैक

केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने नवंबर में सभी राज्यों के सहयोग से देश के 485 अमृत शहरों में पेयजल सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया है। सर्वेक्षण में शहरों में उपलब्ध पेयजल, पाइपलाइन जलापूर्ति, पेयजल की गुणवत्ता और वाटर बॉडी के रखरखाव इत्यादि से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे। स्वच्छता सर्वेक्षण की तरह इसमें भी नागरिकों का फीडबैक लिया जाएगा। केंद्रीय टीम कभी भी सातों नगर निकायों में आकर जांच शुरू कर सकती है।

माक्र्स पर तय होगी सिटी की रैंकिंग

-2100 अंकों के सर्वेक्षण में 700 अंक शहरों के नदी-तालाबों में जल की उपलब्धता, पाइपलाइन व टैप वाटर आपूर्ति एवं वाटर मीटर कनेक्शन के लिए निर्धारित हैं। इन सभी बिंदुओं के आधार पर शहर को अंक दिए जाएंगे।

-700 अंक वाटर ट्रीटमेंट के लिए निर्धारित हैं। इसमें यह जांच की जाएगी की आवासीय और कॉमर्शियल यूज के बाद वेस्ट होने वाले जल का कितना प्रतिशत ट्रीटमेंट हो रहा है। वाटर ट्रीटमेंट के लिए किस तरह के प्लांट लगाए गए हैं। इसमें नागरिकों से फीडबैक भी लिया जाएगा।

-वहीं, बाकी 700 अंक शहरों के जल स्रोतों के संरक्षण के लिए उठाए गए कदम, पाइपलाइन से वाटर डिस्ट्रीब्यूशन व वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बेहतर बनाने के प्रयासों के लिए निर्धारित हैं। इन सभी बिंदुओं पर जांच के बाद नगर निकायों को अंक दिए जाएंगे और अंक के आधार पर शहरों की रैंकिंग तय होगी।