रांची (ब्यूरो)। रांची नगर निगम के सभी वाटर टैंकर्सं में जग लग गए हैं। जंग लगे टैंकर से ही नगर निगम पानी का वितरण करता है। बीते साल गर्मी में ही रांची नगर निगम ने 30 वाटर टैंकर खरीदने का निर्णय लिया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। टैंकर खरीदने पर सहमति के लिए होने वाली निगम परिषद की बैठक में भी अडंग़ा लग गया है। इस कारण इसमें और देरी होने की संभावना है।

5 साल पुराने टैंकर हो रहे यूज

नगर निगम में ऐसे भी वाटर टैंकर हैं, जो पांच साल पुराने हैं। इस टैकर की कभी सफाई नहीं हुई। गर्मी के मौसम में इसे यूज किया जाता है। पांच हजार लीटर की क्षमता वाले इस टैंकर के अंदर और बाहर दोनों हिस्सों में जंग लग चुका है। टैंकर के ड्राइवर ने ही बताया कि टैंकर की कभी सफाई नहीं होती। अंदर जंग लग गया है। पांच साल से यही चल रहा है, ऐसे-ऐसे भी टैंकर हैं जो कबाड़ी हो गए हैं। लेकिन उनकी रिपेयरिंग नहीं कराई जा रही। नगर निगम ने दो साल पहले नए टैंकर की खरीदारी की थी लेकिन उसकी क्वालिटी सही नहीं होने के कारण बगैर इस्तेमाल हुए ही ये टैंकर कबाड़ होते जा रहे हैं। पानी वितरण करने वाले ड्राइवर ने बताया कि रांची के पानी में आयरन काफी अधिक है। इसलिए इस टैंकर में बहुत जल्दी जंग लग जाता है। लेकिन अगर टैंकर अच्छे मैटेरियल से बना हो तो ऐसी स्थिति नहीं होती। नगर निगम काफी पुराने टैंकर यूज कर रहा है। इसलिए समस्या और बढ़ी हुई है। टैंकर के अंदर पानी में लोहे के छोटे-छोटे टुकड़े भी गिरते रहते हैं, जो शरीर के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है। इसलिए बिना उबाले इस पानी को पीने के लिए इस्तेमाल करना खतरनाक साबित हो सकता है।

गर्मी से पहले कोई तैयारी नहीं

पानी वितरण से पहले खराब टैंकर की रिपेयरिंग और उसकी डेंटिंग-पेंटिंग कराई जाती है। टैंकरों के अंदर और बाहर दोनों साइड पेंट कराया जाता है। गर्मी के मौसम से पहले तमाम तैयारी नगर निगम को करना होता है। लेकिन अबतक निगम की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही। नगर निगम में फिलहाल 57 वाटर टैंकर हैं। इनमें आधा से अधिक खराब हैं। जैसे-तैसे पड़े रहने के कारण बाकी के टैंकर भी खराब होते जा रहे हैं। वहीं कुछ छोटे टैंकरों को सेनेटाइजेशन के काम में लगा कर उसकी हालत खराब कर दी गई है। अब देखना है कब तक नगर निगम इसे गंभीरता से लेता है, और इस गर्मी लोगों तक हाइजेनिक पानी पहुंच पाता है या नहीं।