--बादल और बारिश ने बदला मौसम का मिजाज

सबहेड :

-11 डिग्री की गिरावट आई सिटी के टेंप्रेचर में

-50 किमी की रफ्तार से चलीं हवाएं, बिजिब्लिटी घटी

-28 साल बाद रांची में ऐसा नजारा नजर आया

-45-55 किमी की रफ्तार से आज भी चलेगी हवा

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रांची : रविवार को सिटी के मौसम ने यू टर्न ले लिया। दिन में जहां गर्मी अपने रंग में थी वहीं दोपहर एक बजे के बाद बादल आसमान में डेरा डालने लगे। ठंडी हवाएं चलने लगीं। दोपहर दो बजते-बजते बदली गहराने लगी। दिन में शाम का सा नजारा हो गया। इसी दौरान लगभग तीन बजे के आसपास तेज आंधी के साथ, बारिश शुरू हो गई। देखते ही देखते काली घटाओं ने आसमान को अपने आगोश में ले लिया और दिन में रात जैसा अंधेरा छा गया। घरों में लाइटें जल गई। हालांकि कुछ ही देर बाद बिजली काट दी गई जो घंटों बाद आई।

जल गई गाडि़यों की लाइट

सड़कों पर वाहन चला रहे लोग भी लाइट जलाकर वाहन चलाने को मजबूर हो गए। इसी दौरान रांची शहर समेत आसपास के इलाकों में ओलावृष्टि शुरू हो गई। बारिश के बाद मौसम में ठंडक बढ़ गई है। इससे लोग गर्मी से राहत की सांस ले रहे हैं।

तेज रफ्तार से चली हवाएं

रांची में दोपहर बाद 50 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के साथ ही बारिश होने लगी। अचानक छाए बादल के कारण दृश्यता पर असर पड़ा। रांची की दृश्यता रविवार को दोपहर तीन बजे 1200 मीटर दर्ज की गई। जमशेदपुर में यह 800 मीटर रही।

21 डिग्री सेल्सियस पहुंचा पारा

दोहपर 12 बजे राजधानी रांची का अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री दर्ज किया गया था। शाम छह बजे अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। आंधी-पानी के बाद तापमान में 11 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। इससे लोगों ने राहत की सांस ली। रविवार होने के कारण लोगों ने जमकर सुहाने मौसम का लुत्फ लिया।

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आज भी आंधी-तूफान

मौसम में अचानक आए इस बदलाव का कारण बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के कारण बना अपर एयर सर्कुलेशन है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण ही राजधानी में तेज हवाएं चलीं। साथ ही गर्जन के साथ जमकर बारिश हुई। मौसम विभाग ने सोमवार को भी आंधी तूफान के साथ 45-55 किमी की तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान जारी किया है। इस पश्चिमी विक्षोभ के कारण झारखंड के अलावा बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में मौसम खराब रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक आरएस शर्मा ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ अब राज्य के पूर्वी क्षेत्रों की ओर बढ़ने लगा है।

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1991 में ऐसा ही था नजारा

अप्रैल में ऐसे मौसम का नजारा 28 साल पहले देखने को मिला था। मौसम विभाग के अनुसार 1991 में रांची में ऐसा मौसम हुआ था। उस समय भी बंगाल की खाड़ी में आए दबाव के कारण बादल राजधानी रांची में जमे हुए थे। पूरे शहर में दिन में ही अंधेरा हो गया था।