रांची (ब्यूरो) । राज्यपाल सह कुलाधिपति के शैक्षणिक सलाहकार प्रो ई बालागुरूसामी ने रांची विश्वविद्यालय का दौरा किया। इस दौरे पर ओएसडी जेएमसी नारायण भी उनके साथ मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में प्रो ई बालागुरूसामी ने सेंट्रल लाइब्रेरी स्थित अटल स्मृति सभागार में कुलपति प्रो डॉ अजीत कुमार सिन्हा, प्रोवीसी डॉ अरूण कुमार सिन्हा एवं सभी विभागों के हेड, डीन, प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि रांची विश्वविद्यालय 1960 से स्थापित है और यहां जितने विषयों की पढ़ाई हो रही है उसे देख कर मुझे प्रसन्नता हुई है और अब हमें रांची विश्वविद्यालय को एक मॉडल यूनिवर्सिटी बनाना है। यह आप सभी के सहयोग से ही संभव है।

सिर्फ डिग्री न बांटें

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अ'छे शिक्षक ही स्किल्ड युवाओं को तैयार करते हैं। हमें यह ध्यान रखना होगा कि हम सिर्फ डिग्री न बांटें, बल्कि विश्वविद्यालय से युवाओं को दक्ष और बोल्ड बना कर निकालें। इसके लिए शिक्षकों को समर्पित होकर नयी तकनीक से छात्रों को पढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति में सबसे अ'छी बात है कि छात्र सिर्फ डिग्री प्राप्त नहीं करेंगे बल्कि पढ़ाई के साथ ही स्किल्ड भी होंगे। इसके लिए हमें पारंपरिक सिलेबस में बदलाव करना पड़े तो हम करेंगे। हमें ननस्किल्ड डिग्रीधारी युवाओं को तैयार करने से बचना है।

दूर होगी टीचर्स की कमी

विश्वविद्यालय मुख्यालय में चर्चा के दौरान कुलपति आरयू प्रो डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने शैक्षणिक सलाहकार प्रो ई बालागुरूसामी को रांची विश्वविद्यालय में चल रहे रेगुलर विषयों के साथ ही विभिन्न वोकेशनल कोर्सेज के बारे में जानकारी दी। साथ ही कई विषयों में शिक्षकों की कमी से भी अवगत कराया। प्रो बालागुरूसामी ने शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए जल्द ही कार्य करने की बात कही।

अपनी किताब भेंट की

रांची विश्वविद्यालय मुख्यालय में डॉ बालागुरूसामी ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी नाम से लिखी अपनी पुस्तक कुलपति प्रो डॉ अजीत कुमार सिन्हा को भेंट की। कुलाधिपति के शैक्षणिक सलाहकार रांची विश्वविद्यालय के दौरे पर सबसे पहले शहीद चौक स्थित रांची विश्वविद्यालय मुख्यालय पहुंचे, जहां उनका छात्राओं के द्वारा झारखंडी परंपरा से नृत्य और गायन के साथ लोटा के जल से हाथ धुला कर स्वागत किया गया। उसके बाद कुलपति ने उन्हें शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया, कुलसचिव डॉ मुकुंद चंद मेहता एवं डिप्टी डायरेक्टर सीवीएस डॉ स्मृति सिंह ने बुके तथा स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। कुलपति ने इस अवसर पर कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि प्रो ई बालागुरूसामी झारखंड में हमारे शैक्षणिक सलाहकार हैं इन्होंने कई किताबें लिखने के अलावा आंध्र प्रदेश में आइटी सलाहकार, हरियाणा और पंजाब सरकार में सलाहकार तथा कई रा'यों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

विभागों पर जताया संतोष

इसके बाद प्रो बालागुरूसामी ने कुलपति तथा आरयू के सभी पदाधिकारियों के साथ मोराबादी परिसर में आरयू के आइक्यूएसी, जूलॉजी, बॉटनी, बायोटेक, केमिस्ट्री, मास कम्युनिकेशन, लीगल स्टडीज विभागों में जाकर कक्षाओं, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम सहित अन्य सुविधाओं को देखा। साथ ही शिक्षकों, निदेशक एवं हेड से बात कर जानकारियां लीं। विभागों को देखने के बाद उन्होंने संतोष व्यक्त किया। इस अवसर पर आरयू एफए डॉ देवाशीष गोस्वामी, डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ प्रीतम कुमार, सीसीडीसी डॉ पीके झा, परीक्षा नियंत्रक डॉ आशीष कुमार झा, एफओ डॉ कुमार एएन शाहदेव, डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश साहू, डॉ राजकुमार शर्मा, डॉ हरि उरांव सहित कई विभागों के हेड, डीन एवं प्राध्यापक उपस्थित थे।