रांची(ब्यूरो)।राजधानी रांची में हर दिन सैकड़ों वाहनों से ईंट, बालू और चिप्स ढोए जाते हैं। सुबह होते ही सिटी के अंदर बिल्डिंग मैटेरियल से लदे टर्बो, हाइवा इंटर करने लगते हैं। लेकिन समस्या यह है कि जिन गाडिय़ों से बिल्डिंग मैटेरियल ढोए जा रहे हैं, उनके पेपर ही नहीं हैं। गाड़ी का ओनर बुक, इंश्योरेंस पेपर, पॉल्यूशन समेत अन्य कई पेपर भी नहीं रहते हैं। 50 परसेंट से भी अधिक वाहन मालिकों के पास गाड़ी के पेपर नहीं हैं, लेकिन इन गाडिय़ों में धड़ल्ले से मैटेरियल ढोये जा रहे हैं। समस्या यह है कि इन गाडिय़ों की कभी जांच भी नहीं होती। सुबह पांच बजे से बिल्डिंग मैटेरियल ढोने वाली गाडिय़ां दौडऩी शुरू कर देती हैं। वैसे तो सिटी के गली-मुहल्लों में पूरे दिन बिल्डिंग मैटेरियल ढोने वाले वाहन दौड़ लगाते रहते हैं। लेकिन सुबह 11 बजे तक गाडिय़ों की लाइन लगी रहती है। मैटेरियल डंप वाले स्थान से मैटेरियल उठाते हैं और साइट पर इसे गिराकर लौट जाते हैं।

गाड़ी मालिकों पर होगी कार्रवाई

गाडिय़ों के कागजात नहीं होने का खुलासा दो दिन पहले डीटीओ द्वारा की गई जांच में सामने आ चुका है। डीटीओ प्रवीण कुमार प्रकाश के नेतृत्व में रातू के समीप सभी बिल्डिंग मैटेरियल ढोने वाली गाडिय़ों की जांच की गई, जिसमें एक दो को छोड़ कर किसी भी गाड़ी ड्राइवर के पास न तो गाड़ी के पेपर मिले और न ही ड्राइविंग लाइसेंस थे। इसके बाद गाड़ी को जब्त कर थाने में लगा दिया गया। डीटीओ ने बताया कि कई टर्बो और हाइवा से बिल्डिंग मैटेरियल ढोये जाते हैं। इन गाडिय़ों का पूरी तरह से कॉमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन अधिकतर गाडिय़ों के पेपर ही नहीं हैं। ऐसे वाहन मालिक और ड्राइवर पर कार्रवाई की जाएगी।

लगभग आधे वाहन बिना नंबर

बिल्डिंग मैटेरियल ढोने वाली गाडिय़ों के पास सिर्फ कागजात की ही कमी नहीं, बल्कि करीब 40 परसेंट गाडिय़ों में या तो नंबर प्लेट नहीं है या फिर गलत या धुंधला नंबर लगा हुआ है। जिस वजह से गाड़ी मालिक की पहचान नहीं हो पाती। सड़क दुर्घटना या किसी दूसरी घटना में शामिल होने के बाद भी गाड़ी मालिक को पुलिस आसानी से ट्रैस तक नहीं कर पातीं। कई बार सुबह रोड एक्सीडेंट कर वाहन चालक गाड़ी लेकर मौके से फरार हो जाते हैं। गाड़ी नंबर नहीं होने की वजह से स्थानीय लोग भी उस गाड़ी को पहचान नहीं पाते हैं। काठीटांड़ में बीते शनिवार को बालू लदा वाहन एक ऑटो को ठोकर मारते हुए पार हो गया। गाड़ी में नंबर नहीं होने से उसकी पहचान नहीं हो सकी।

ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं

गाड़ी चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है। कुछ ड्राइवर तो ऐसे हैं जो जैसे-तैसे गाड़ी चलाते हैं। गलियों और मुहल्लों में काफी स्पीड में गाड़ी निकालते हैं। इन गाडिय़ों में सुरक्षा मानकों का भी ख्याल नहीं रखा जाता। वहीं प्राइवेट या कॉमर्शियल हर तरह की गाडिय़ों के लिए पॉल्यूशन पेपर होना अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन बिल्डिंग मैटेरियल ढोने वाली किसी भी गाड़ी के पास पॉल्यूशन पेपर नहीं है। जबकि इन गाडिय़ों से काला धुआं भी निकलता है। लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

हर तरह की गाडिय़ों की जांच होगी। प्राइवेट और कॉमर्शियल दोनों प्रकार की गाडिय़ों में सभी पेपर होना अनिवार्य है। ऐसा नहीं पाए जाने पर वाहन मालिक और ड्राइवर दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रवीण कुमार प्रकाश, डीटीओ, रांची