-एसोचैम के स्किल इंडिया प्रोग्राम में एक्सप‌र्ट्स ने दिए सुझाव

-टारगेट तय कर ट्रेनिंग देने पर जोर

-सरकार के साथ प्राइवेट कंपनियां भी आगे आएं

RANCHI: लोगों को स्किल्ड बनाने के साथ ही उन्हें रोजगार देना भी जरूरी है। ताकि हुनरमंद लोग नौकरी कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें। इसके लिए टारगेट तय कर स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देनी होगी। वहीं, इसमें सरकार के साथ-साथ प्राइवेट कंपनियों को भी आगे आना होगा, ताकि स्किल्ड युवकों को रोजगार मिल सके। ये बातें होटल बीएनआर में एसोचैम के स्किल इंडिया प्रोग्राम में शुक्रवार को वक्ताओं ने कहीं। मौके पर चीफ गेस्ट शिक्षा मंत्री नीरा यादव समेत एक्स सीएम अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी, हेमंत सोरेन, टेक्निकल एजुकेशन सेक्रेट्री अजय सिंह, विकास भारती के सचिव डॉ अशोक भगत भी मौजूद थे।

इन्होंने रखी राय

स्किल इंडिया प्रोग्राम में मुख्य रूप से नेशनल स्किल डेवलपमेंट एनएसडी की विभिन्न विंग की कई कंपनियों के सीईओ, एनएसडी की ओर से एनके महापात्रा, कर्नल अश्रि्वनी, विंग कमांडर सतीश पराजय, जेवी राव, उर्वशी मक्कड, हिमांशु कौशिक, डॉ सतीश, सिद्धार्थ चतुर्वेदी, एसोचैम के रिजनल डायरेक्टर भरत अग्रवाल, राजीव कुमार गुप्ता ने भी अपने विचार रखे।

आम लोगों को मिले स्किल्ड इंडिया का लाभ

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार का यह बेहतर प्रयास है कि लोगों को हुनरमंद बनाकर नौकरी दी जाए, लेकिन इसका सही मकसद तब पूरा होगा, जब गांव के लोगों को स्किल्ड बनाया जाए। पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यह सरकार की किसी योजना की तरह काम न करे, बल्कि इसका समुचित लाभ आम लोगों को मिलना चाहिए।

नौकरी या व्यवसाय पहले तय हो

विंग कमांडर सतीश अपराजेय ने बताया कि जब भी लोगों को स्किल्ड बनाया जाए, तो यह पहले तय हो कि उनको क्या करना है, वो नौकरी करना चाहते हैं या खुद का व्यवसाय।