रांची (ब्यूरो): इसका विषय &डिस्ट्रिक्ट लेवल कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप ऑन राइट-टू-एजुकेशन कैंपेन था। कार्यशाला का आरंभ संस्था के सचिव फैजान ने किया। उन्होंने बताया कि संगठन पिछले चार वर्षों से शिक्षा से जुड़े अधिकारों को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए संघर्षरत है। इसके बाद संगठन के अध्यक्ष बन्ना ने लोगों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम कानून की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीट आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित है, जिसमें कक्षा आठ तक नि:शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है।

दी गई जानकारी

झारखंड में इस योजना का लाभ 3 से 7 साल की उम्र के ब'चों को मिलता है, जिसके लिए ब'चे के माता-पिता को जरूरी कागजात जैसे ब'चे का जन्म प्रमाणपत्र, आवासीय प्रमाणपत्र, बीपीएल कार्ड, जाति और इनकम सर्टिफिकेट जमा करना पड़ता है। निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूल जैसे डीएवी, डीपीएस व गुरुनानक आदि स्कूल में न्यूनतम 25 प्रतिशत बच्चों को बिना किसी शुल्क के नामांकित करने का प्रावधान है। कार्यशाला में आए प्रतिनिधियों को अधिनियम के प्रावधान, आवेदन की प्रक्रिया और आवेदन पत्र के साथ संलग्न किए जाने वाले दस्तावेजों के बारे में जानकारी दी गई, ताकि कार्यकर्ता प्रत्येक वार्ड कार्यालय और बस्तियों में शिविर आयोजित कर सके और शिविरों में अभिभावक को नामांकन से संबधित जानकारी प्रदान करने में सहायता मिल सके।

लगेगा शिक्षा सेवा कैंप

पल्लवी प्रतिभा ने बताया कि इस कानून का लाभ अधिक से अधिक परिवारों को मिले इसके लिए संस्था रांची और हजारीबाग के विभिन्न स्थानों पर शिक्षा सेवा कैम्प लगाएगी और अभिभावकों को कानून की जानकारी और उनके आवेदन भरने में भी सहायता करेगी। इस वर्कशॉप में भाग लेने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के समाजसेवी, छात्र एवं अभिभावक उपस्थित हुए।