RANCHI: व‌र्ल्ड सॉइल डे के मौके पर बिरसा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में सोमवार को वर्कशाप का आयोजन किया गया। इसमें वीसी डॉ। नितीन मदन कुलकर्णी ने कहा कि अच्छी उपज के लालच में अंसतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग और भूमि संरक्षण के अभाव में मिट्टी का स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है। इससे फसलों के उत्पादन में कमी के साथ ही विषैले तत्वों की भरमार भी हो गई है। ऐसे में जल भी प्रदूषित हो रहा है और फसल की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है। यह देखते हुए राज्य सरकार ने मार्च ख्0क्7 तक राज्य के करीब 80 परसेंट किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य के सभी प्रखंडों से किसानों के खेतों की मिट्टी के सैंपल कलेक्ट करने का काम चल रहा है। साथ ही किसानों को भी इसकी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार हाई स्कूल एजुकेशन में एग्रीकल्चर की पढ़ाई के साथ ही लैब में सॉइल टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराने पर भी विचार कर रही है। इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ। आरपी सिंह रतन, डॉ। राघव ठाकुर, डॉ। बीके अग्रवाल, डॉ। डीके शाही, डॉ। अरविंद कुमार, डॉ। जेडए हैदर, डॉ। एमएस यादव समेत काफी संख्या में स्टूडेंट्स भी मौजूद थे। यह जानकारी मीडिया सेल के अजय कुमार ने दी।