-जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी व उत्तराखंड शासन के बीच एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर

DEHRADUN: उत्तराखंड के वन क्षेत्रों में आने वाले भूस्खलन को अब जापान की तकनीक रोकेगी। बाकायदा, जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जायका) इसमें तकनीकी सहायता देगी। सोमवार को सीएम हाउस में मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में जायका व उत्तराखंड शासन के बीच लैंडस्लाइड प्रबंधन में तकनीकी सहायता के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।

जायका देगी तकनीकि सहायता

एमओयू के तहत जायका द्वारा प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाली क्षति के प्रबंधन से संबंधित तकनीकी सहायता की एक नई परियोजना के कार्यान्वयन पर सहमति दी गई। तकनीकी सहायता परियोजना के तहत उत्तराखंड को खासकर वन विभाग की क्षमता का विकास करना प्रमुख बताया गया है। राज्य के वन क्षेत्रों में भूमि-क्षरण की समस्या के समाधान व भूमि संरक्षण से संबंधित कार्यो का तकनीकी दृष्टि से सुदृढ़ नियोजन और प्रभावी कार्यान्वयन करने में वन विभाग सक्षम हो सकेगा। इसके अलावा एमओयू के तहत यह भी सुनिश्चित किया गया है कि फॉरेस्ट एरियाज में प्राकृतिक कारणों से होने वाली लैंडस्लाइडिंग से भविष्य में भी निबटने के लिये रणनीति विकसित की जाएगी।

हिमालयी राज्यों को भी मदद

तकनीकी सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत वन क्षेत्रों में भूमि संरक्षण एवं लैंडस्लाइड ट्रीटमेंट कायरें से संबंधित फील्ड सर्वे, संरचनाओं के डिजाइन, निर्माण व पर्यवेक्षण कार्य में उत्तराखंड वन विभाग की सहायता के लिए जापानी विशेषज्ञों की सेवाएं जायका के जरिए उपलब्ध होंगी। इसके अलावा नई जानकारियों के अलावा इन कार्यो के लिए उत्तराखंड के अतिरिक्त अन्य हिमालयी राज्यों को ट्रेंड करने में भी हेल्प दी जाएगी। एमओयू पर खुशी जताते हुए सीएम हरीश रावत ने कहा कि जायका की सहायता से उत्तराखंड में पहले से ही 7भ्0 वन पंचायतों में कार्य चल रहा है। लेकिन अब लैंडस्लाइड मैनेजमेंट से सूबे को मदद मिलेगी।

आर्थिक हानि होगी कम

जायका के भारत प्रमुख ताकेमा साकामोतो ने कहा कि भारत व जापान एक दूसरे के स्वाभाविक सहयोगी हैं। नई परियोजना का उद्देश्य वन क्षेत्रों में भूमि क्षरण को रोकने में उत्तराखंड वन विभाग की क्षमता को बढ़ाने व इसके जरिए स्थानीय लोगों को सुरक्षित जीवन उपलब्ध व आर्थिक हानि को कम करने में सहायता करना है। कहा, परियोजना का लाभ देश के हिमालयी राज्यों तक पहुंचेगा। एमओयू पर हस्ताक्षर शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी व जायका की ओर से उनके भारत प्रमुख ताकेमा साकामोतो ने किए।

इन क्षेत्रों में हो सकता है काम

सीएम ने कहा कि राज्य की आईटीआई, पॉलिटेक्नीक व इंजीनियरिंग कॉलेजों में गुणवत्ता सुधार, स्किल डेवलपमेंट, इको टूरिज्म, शहरी विकास, परिवहन, जल संरक्षण व जल प्रबंधन ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जिनमें मिलकर काम किया जा सकता है।