नई दिल्ली (एएनआई / आईएएनएस)। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को आज बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के 50 वें चीफ जस्टिस (सीजेआई) के रूप में शपथ दिलाई है। इस दाैरान राष्ट्रपति भवन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कानून मंत्री किरेन रिजिजू, भारत के पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित, सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस और अन्य कई लोग माैजूद रहे। वहीं शपथ लेने के तुरंत बाद डीवाई चंद्रचूड़ ने आश्वासन दिया कि वह सभी भारतीयों की रक्षा करेंगे और राष्ट्र की सेवा करना उनकी प्राथमिकता है। चंद्रचूड़ ने शपथ लेने के बाद संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

जस्टिस यूयू ललित 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए
जस्टिस चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए चीफ जस्टिस यूयू ललित का स्थान लिया है। जस्टिस यूयू ललित 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए। पिछले महीने केंद्र सरकार ने 9 नवंबर 2022 से भारत के चीफ जस्टिस के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम को अधिसूचित किया था। जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ 2 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारत के 16वें चीफ जस्टिस थे। न्यायपालिका के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब पिता और पुत्र सीजेआई बने हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ को देश के प्रगतिशील और उदार जस्टिस के रूप में जाना जाता है।

11 नवंबर 1959 को पैदा हुए जस्टिस चंद्रचूड़
बता दें कि 11 नवंबर, 1959 को पैदा हुए जस्टिस चंद्रचूड़ को 13 मई, 2016 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। वह 31 अक्टूबर, 2013 से सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस थे। 29 मार्च 2000 को वह बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त जस्टिस के रूप में नियुक्त किए गए थे। उन्होंने 1998 से बॉम्बे हाई कोर्ट में जज के रूप में अपनी नियुक्ति तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी काम किया था। उन्हें जून 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था।

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