- हर्षिता की मौत के मामले में पुलिस की जांच में हो रहे हैं नए खुलासे, पिता ने सीओ ऑफिस में दर्ज कराए बयान

- लेट नाइट पार्टी का शौकीन है हर्षिता का आरोपी पति उत्कर्ष, सास रानू भी दहेज को लेकर मारती थी ताने

KANPUR : कोहना तिलकनगर के एल्डोरॉडो अपार्टमेंट की 7वीं मंजिल से गिरने हर्षिता अग्रवाल की मौत के मामले में पुलिस की जांच में नए तथ्य सामने आ रहे हैं। पुलिस को पता चला है कि हर्षिता का पति उत्कर्ष नेट नाइट पार्टी का शौकीन था। वह अक्सर रात को दोस्तों के साथ क्लब और लाउंज में पार्टी करने के बाद घर आता था। हर्षिता उसे समझाती तो उसके साथ बेरहमी से पेश आता था। वहीं, हर्षिता की सास रानू किटी पार्टी की शौकीन थी। वह अक्सर दोपहर और शाम को किटी पार्टी करने चली जाती थी। कई बार तो उनकी पार्टियां लेट नाइट तक चलती थीं।

तुमसे शादी कराकर गलती कर दी

हर्षिता की सास रानू की पार्टी फ्रैंड अक्सर घर आती थीं। परिवार से जुड़े एक शख्स ने बताया कि रानू पार्टी फ्रैंड के सामने हर्षिता को ताने मारती थी। वह फ्रैंड की बहुओं को मिले दहेज का हवाला देकर हर्षिता को ताने मारती थी कि तुम तो दहेज में कुछ भी नहीं लाई। मेरे बेटे से तुम्हारी शादी कराकर बहुत बड़ी गलती की। अगर मैं किसी और से शादी करा देती तो ज्यादा अच्छा होता। इस तरह रानू हर्षिता को टॉर्चर करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती थी।

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मेरी बेटी की हत्या हुई है

मंगलवार को मामले में स्वरूप नगर सीओ ऑफिस में हर्षिता के परिजनों के बयान दर्ज हुए। पिता पदम अग्रवाल ने अपने पूर्व के बयान पर अडिग रहते हुए पति, सास और ससुर पर दहेज की मांग पूरी न होने पर बेटी की हत्या करने का आरोप लगाया। परिजनों का साफ कहना था कि उनकी बेटी बहुत हिम्मतवाली थी। वह खुदकुशी नहीं कर सकती। उसकी हत्या कर शव को फेंका गया है।

कर्ज चुकाने के लिए मांगते थे पैसे

परिजनों ने पति समेत ससुराल वालों पर एक करोड़ दहेज मांगने का आरोप लगाया है। पुलिस जांच में पता चला था कि उत्कर्ष और उसके पिता सुशील पर एक करोड़ का कर्ज था। जिसे अदा करने के लिए वे हर्षिता पर घर से पैसे लाने का दबाव बना रहे थे। पदम अग्रवाल ने बेटी हर्षिता की हत्या का शक जताते हुए एक करोड़ रुपये मांगे जाने की पुष्टि की।

.तो चली आती थी मायके

पदम अग्रवाल ने बताया कि हर्षिता को ससुराल में प्रताडि़त किया जाता था। जब हर्षिता बर्दाश्त नहीं कर पाती थी तो वह मायके आ जाती थी, लेकिन हर बार उत्कर्ष माफी मांगकर और यह कहकर ले जाता था कि अब उसको ससुराल में कोई परेशानी होगी। पदम हर बार यह समझकर बेटी को ससुराल भेज देते थे कि उसका परिवार न टूटे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी बेटी के साथ ऐसा होगा।

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